प्रसिद्ध रैपर सीन ‘डिडी’ कॉम्ब्स पिछले कुछ समय से चर्चा में हैं। रैपर को 3 अक्टूबर को प्रॉस्टिट्यूशन से जुड़े आरोपों का दोषी पाए जाने के बाद चार साल से अधिक की कैद की सजा सुनाई गई। यह फैसला भारतीय मूल के जज अरुण सुब्रमण्यन ने सुनाया। जज सुब्रमण्यन ने जोर देकर कहा कि यह सजा जवाबदेही तय करने और समाज को एक मजबूत संदेश देने के लिए आवश्यक है।
अरुण श्रीनिवास सुब्रमण्यन का जन्म 1979 में पिट्सबर्ग (पेंसिल्वेनिया, अमेरिका) में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता से एक शानदार कानूनी करियर बनाया है। उनके पिता कंट्रोल सिस्टम इंजीनियर थे और मां बुककीपर के रूप में काम करती थीं।
सुब्रमण्यन ने केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और फिर 2004 में कोलंबिया लॉ स्कूल से ज्यूरिस डॉक्टर (JD) की डिग्री हासिल की। कानूनी सफर की शुरुआत उन्होंने जज डेनिस जैकब्स (US कोर्ट ऑफ अपील्स, सेकंड सर्किट) और जज जेरार्ड ई. लिंच (US डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क) के साथ क्लर्कशिप से की। इसके बाद वे अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट की जज रुथ बेडर गिन्सबर्ग के क्लर्क भी रहे।
साल 2007 में वे न्यूयॉर्क की लॉ फर्म सुसमैन गॉडफ्री LLP से जुड़े, जहां 2023 तक काम किया और पार्टनर भी बने। अपने करियर में उन्होंने क्लाइंट्स के लिए 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रिकवरी करवाई, चाइल्ड पोर्नोग्राफी ट्रैफिकिंग के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व किया और उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े केस भी लड़े।
सुब्रमण्यन को सीनेटर चक शूमर की सिफारिश पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2022 में फेडरल जज के लिए नामित किया था। 2023 में वे न्यूयॉर्क के साउदर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नियुक्त होने वाले पहले साउथ एशियन जज बने।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जज सुब्रमण्यन ने स्पष्ट किया कि फेमस रैपर को सजा यह संदेश देने के लिए है कि महिलाओं के साथ शोषण और हिंसा के गंभीर परिणाम होते हैं। पहले से बिताए समय को ध्यान में रखते हुए, कॉम्ब्स को अब और 36 महीने जेल में रहना होगा, साथ ही $500,000 का जुर्माना भरना होगा।
सुब्रमण्यन ने माना कि कॉम्ब्स एक मशहूर और ‘आइकॉनिक’ कलाकार हैं, लेकिन उनके यौन और शारीरिक हिंसा के इतिहास को देखते हुए यह कठोर सजा जरूरी थी। उन्होंने कॉम्ब्स की डिफेंस टीम के दावों को खारिज कर दिया कि उनके ‘फ्रीक-ऑफ्स’ यानी कोरियोग्राफ्ड सेक्स पार्टियां सहमति से होती थीं।
जज ने कहा, समाज में बढ़ती यौन हिंसा को देखते हुए, एक बड़ी सजा जरूरी है ताकि यह संदेश जाए कि महिलाओं के खिलाफ शोषण करने वालों को असली जवाबदेही का सामना करना होगा। सुब्रमण्यन ने कॉम्ब्स को फटकारते हुए कहा, आपके अपराध गंभीर थे। आपकी हिंसा, दबाव और दुर्व्यवहार ने उन महिलाओं की जिंदगी तबाह कर दी जिन्होंने आपसे प्यार किया और आप पर भरोसा किया। साथ ही, उन्होंने कॉम्ब्स को अपने मशहूर होने का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए करने की सलाह दी।
सजा सुनाए जाने से पहले कॉम्ब्स ने एक साल से भी ज्यादा समय बाद पहली बार अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने कैसांड्रा वेंचुरा और उस महिला (जिन्होंने ‘जेन’ नाम से गवाही दी) से माफी मांगी।
कॉम्ब्स ने कहा कि उन्हें एक पिता के तौर पर नाकाम होने, अपनी आजादी खोने और अपनी छवि और कारोबार को नुकसान पहुंचाने का गहरा अफसोस है।
उन्होंने अदालत से कहा, मैं सचमुच हर चीज के लिए माफी चाहता हूं, चाहे लोग कुछ भी कहें। कॉम्ब्स ने यह भी कहा कि उनके लिए सबसे मुश्किल बात यह रही कि वो अब तक चुप रहे और अपने अपराधों के लिए असली पछतावा जाहिर नहीं कर पाए।