भारत के प्रिय मित्र और केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री, ओजस्वी राजनेता, श्री रेल ओडिंगा के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ है। 80 वर्षीय ओडिंगा का निधन केरल के कोट्टायम जिले के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में आज सुबह हुआ। वे भारत में आयुर्वेदिक उपचार के लिए आए थे, जहां सुबह की सैर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिंगा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भारत का ‘प्रिय मित्र’ बताया। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल से ही वे ओडिंगा को करीब से जानते थे और यह रिश्ता वर्षों तक कायम रहा। ओडिंगा भारत, उसकी संस्कृति, मूल्यों और प्राचीन ज्ञान के प्रति विशेष स्नेह रखते थे, जो भारत-केन्या संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों में झलकता था। उन्होंने विशेष रूप से आयुर्वेद की प्रशंसा की थी, क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी के स्वास्थ्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव को देखा था।
केन्या के राजनेता के तौर पर चार दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहे ओडिंगा 2008 से 2013 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुलह और संवैधानिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे नारंगी लोकतांत्रिक आंदोलन (Orange Democratic Movement) के प्रमुख और लंबे समय तक विपक्षी नेता भी रहे। उन्होंने कई राष्ट्रपति चुनाव लड़े और केन्या के आधुनिक लोकतंत्र को आकार देने में एक केंद्रीय व्यक्ति थे।
सूत्रों के अनुसार, ओडिंगा अपनी बेटी और करीबी परिवार के सदस्यों के साथ छह दिन पहले कोट्टायम आए थे। वे अस्पताल में उपचार के साथ-साथ सुबह की सैर भी कर रहे थे। आज सुबह लगभग 6:30 बजे सैर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें श्रीधरेयम आयुर्वेदिक आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। उनके पार्थिव शरीर को देव माता अस्पताल, कोट्टायम में रखा गया है।
नई दिल्ली स्थित केन्या दूतावास के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और वे पार्थिव शरीर को वापस ले जाने की व्यवस्थाओं के लिए केरल सरकार और अस्पताल के अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं और केन्याई प्रवासी समुदाय ने इस दुखद घटना पर गहरा सदमा और शोक व्यक्त किया है।