चीन की राजधानी बीजिंग में 80वीं विजय दिवस परेड का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन एक ही मंच पर नजर आए। शी जिनपिंग ने परेड में चीन की सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया और खुद को एक वैश्विक नेता के रूप में पेश किया।
परेड के बाद, पुतिन और किम के बीच एक द्विपक्षीय मुलाकात हुई, जिसने दुनिया का ध्यान खींचा। लगभग एक घंटे से अधिक चली इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया।
पुतिन ने किम को रूस आने का न्योता दिया।
बीजिंग में हुई मुलाकात के दौरान, पुतिन ने किम जोंग-उन को रूस आने का न्योता दिया। बातचीत खत्म होने के बाद जब दोनों नेता गले मिले, तो किम ने कहा कि जल्द मिलते हैं। इस पर पुतिन ने जवाब दिया, ‘हम आपका इंतजार कर रहे हैं, रूस आइए।’ यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी। रूसी सरकारी मीडिया TASS के अनुसार, दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक बंद कमरे में गोपनीय बातचीत भी की।
किम ने कहा कि रूस की मदद करना भाईचारे का कर्तव्य है।
मुलाकात में किम ने रूस का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘अगर हम किसी भी तरह से रूस की मदद और समर्थन कर सकते हैं, तो हम हमेशा करेंगे। यह हमारा भाईचारे का कर्तव्य है।’ पुतिन ने कहा कि अब रूस और उत्तर कोरिया के रिश्ते एक सच्चे गठबंधन में बदल चुके हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूस के कुर्स्क क्षेत्र की आजादी में उत्तर कोरिया की विशेष इकाइयों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी और उनके बलिदान को रूस कभी नहीं भूलेगा।
उत्तर कोरिया युद्ध में रूस की मदद कर रहा है।
दक्षिण कोरिया की रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अब तक लगभग 15,000 सैनिक रूस भेजे हैं, जो यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियार भी मुहैया कराए गए हैं। बदले में उत्तर कोरिया को रूस से खाद्यान्न, पैसा और तकनीकी मदद मिल रही है। हालांकि, इन सैनिकों को भारी नुकसान भी झेलना पड़ा है। पश्चिमी अधिकारियों का दावा है कि केवल तीन महीनों में लगभग 1,000 सैनिक मारे गए, जबकि अब तक कुल 4,700 से अधिक हताहत हुए हैं, जिनमें 600 मौतें शामिल हैं।
पश्चिमी देशों में बढ़ी बेचैनी।
पुतिन, किम जोंग-उन और शी जिनपिंग की यह निकटता पश्चिमी देशों को परेशान कर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तो अपने बयान में कहा कि पुतिन, शी जिनपिंग और किम अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। हालांकि, क्रेमलिन ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि किसी ने ऐसी बात सोची तक नहीं।
बीजिंग में हुई यह मुलाकात साफ दिखाती है कि रूस और उत्तर कोरिया का रिश्ता अब दोस्ती से आगे बढ़कर एक मजबूत गठबंधन बनता जा रहा है। जानकार मानते हैं कि इस साझेदारी का सीधा असर यूक्रेन युद्ध पर पड़ सकता है और पश्चिमी देशों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।