लंदन में मलेशिया के जाने-माने व्यवसायी और पेट्रा ग्रुप के चेयरमैन विनोद शेखर पर हमला हुआ है। यह घटना 11 अक्टूबर, 2025 को लंदन के बटरसी पावर स्टेशन के पास हुई, जब विनोद शेखर अपनी बेटी के अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे। हमलावरों ने उनसे लूटपाट की, हालांकि उन्हें मामूली चोटें आईं। विनोद शेखर, जो अपनी परोपकारी गतिविधियों और सोशल कैपिटलिज्म के दर्शन के लिए जाने जाते हैं, की उद्योग जगत में एक खास पहचान है।
**कौन हैं विनोद शेखर?**
विनोद शेखर का जन्म 6 अगस्त, 1968 को कुआलालंपुर में हुआ था। वे पेट्रा ग्रुप के अध्यक्ष और समूह मुख्य कार्यकारी हैं। पेट्रा ग्रुप विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिसमें टिकाऊ उद्योग, मीडिया, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचा शामिल हैं। वे मलेशिया के रबर और पाम तेल उद्योग के दिग्गज रहे तान श्री बी.सी. शेखर के सबसे छोटे बेटे हैं।
**उद्यमशीलता और सोशल कैपिटलिज्म**
अपने पिता की विरासत से प्रेरित होकर, शेखर ने कॉलेज के दिनों में ही अपना उद्यम शुरू किया। उन्होंने विंसेंट सीफर क्लोदिंग कंपनी की स्थापना की और बाद में सितावानी फाउंडेशन की स्थापना की, जिसने बच्चों की शिक्षा और विकास पर ध्यान केंद्रित किया। पेट्रा ग्रुप के नेतृत्व में, कंपनी ग्रीन रबर ग्लोबल जैसी पहलों के माध्यम से आगे बढ़ी है, जो इस्तेमाल किए गए टायरों को मूल्यवान यौगिकों में रीसायकल करती है। यह ‘सोशल कैपिटलिज्म’ के उनके सिद्धांत के अनुरूप है, जो लाभ कमाने को सामाजिक लाभ के साथ जोड़ता है।
**परोपकार और सामाजिक पहल**
विनोद शेखर फाउंडेशन की स्थापना कर, उन्होंने गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वंचित समुदायों, जैसे स्वदेशी और विकलांग समूहों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण पहलें की हैं।
**हालिया चुनौतियाँ**
अपने व्यावसायिक जीवन के साथ-साथ, शेखर को हाल के वर्षों में कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। 2024 में, उन पर निवेशकों और पूर्व कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी और गलत बयानी के आरोप लगाते हुए मुकदमे दायर किए गए थे। इसके अतिरिक्त, 2021 में, मलेशियाई भ्रष्टाचार-विरोधी आयोग ने धन शोधन और कर चोरी से संबंधित मामलों की जांच शुरू की थी।