पश्चिम अफ्रीकी देश माली में सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। ताजा घटना में, विद्युतीकरण परियोजनाओं पर काम कर रहे पांच भारतीय नागरिकों का गुरुवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने अपहरण कर लिया। यह घटना तब हुई है जब माली अल-कायदा से जुड़े समूह ‘जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन’ (जेएनआईएम) और इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे आतंकवादी समूहों से जूझ रहा है।
अधिकारियों ने शनिवार को इस अपहरण की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना कोबरी के पास हुई। किसी भी समूह ने अभी तक इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, कंपनी के अन्य भारतीय कर्मचारियों को सुरक्षित बामाको पहुंचाया गया है।
माली में सैन्य जुंटा शासन काबिज है, लेकिन देश में बढ़ता आतंकवाद और अस्थिरता को नियंत्रित करने में सरकार की विफलता स्पष्ट दिख रही है। इसी वजह से देश में विदेशियों के अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस साल सितंबर में, जेएनआईएम आतंकवादियों ने माली की राजधानी बामाको के पास दो अमीराती नागरिकों और एक ईरानी का अपहरण किया था, जिन्हें बाद में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती के बाद रिहा किया गया था।
जेएनआईएम की बढ़ती ताकत माली के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यह समूह न केवल सैन्य जुंटा को निशाना बना रहा है, बल्कि बामाको के आसपास नाकेबंदी भी कर रहा है, जिससे राजधानी में आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर ईंधन की कमी हो गई है और लोगों में भय का माहौल है। रिपोर्टों के अनुसार, अल-कायदा से जुड़े इस समूह ने 2017 से अब तक माली में हजारों लोगों की हत्या की है और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। जेएनआईएम न केवल माली बल्कि पश्चिम अफ्रीका के अन्य देशों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की फिराक में है, जिससे इस क्षेत्र में सुरक्षा को खतरा बढ़ सकता है।






