इज़राइल और हमास के बीच एक बंधक को लेकर खींचतान जारी है। यह बंधक कोई आम कैदी नहीं, बल्कि फिलिस्तीनी नेता मरवान बरगूती हैं, जो इस समय इज़रायली जेल में बंद हैं। हमास उनकी रिहाई की मांग पर अड़ा है, जबकि इज़राइल इसका विरोध कर रहा है। इज़राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बिन ग्विर ने बरगूती की जेल में जाकर धमकी दी, जिससे तनाव बढ़ गया है। बिन ग्विर ने कहा कि जो भी इज़राइल से टकराएगा, उसे मिटा दिया जाएगा।
इस घटना पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) और अरब-इज़राइली नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, इसे उकसावा और आतंकवाद बताया। PA ने अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की। वहीं, अरब-इज़राइली सांसद अयमान ओदेह ने बिन ग्विर के व्यवहार को अमानवीय बताया।
मरवान बरगूती फिलिस्तीनी राजनीति में एक प्रमुख नेता रहे हैं। 1959 में वेस्ट बैंक के कोबर गांव में जन्मे, उन्होंने युवावस्था में ही इज़राइल विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। 1980 के दशक में उन्होंने फतह के सशस्त्र विंग की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दूसरे इंतिफ़ादा (2000-2005) के दौरान, इज़राइल ने बरगूती को हमलों का मास्टरमाइंड बताया। 2004 में उन्हें पांच हत्या और एक हत्या के प्रयास के आरोप में दोषी ठहराया गया और पांच उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बरगूती ने आरोपों को खारिज किया, लेकिन इज़रायली सैन्य लक्ष्यों पर सशस्त्र प्रतिरोध का समर्थन किया।
हमास बरगूती की रिहाई इसलिए चाहता है क्योंकि उन्हें फिलिस्तीनी समाज में एक एकजुट करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है। उनकी रिहाई से हमास का समर्थन बढ़ सकता है और फतह-हमास के बीच विभाजन कम हो सकता है।