मॉरिशस के वित्त एवं आर्थिक विकास मंत्री ज्योति जीतून ने बुधवार को स्पष्ट किया कि यह देश एक टैक्स हैवन नहीं बल्कि एक कम कर वाला क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई बार रिपोर्ट की गई बुरी प्रथाएँ रही हैं, परन्तु हालिया समय में कोई उल्लेखनीय मामला नहीं देखा गया है।
उन्होंने उल्लेख किया कि 2020 में मॉरिशस को वित्तीय कार्यबल (FATF) द्वारा ग्रीन सूची में रखा गया था, जिसे 2023 में हटा दिया गया। इस दौरान देश ने कर से जुड़ी अनियमितताओं को रोकने हेतु लगातार कदम उठाए। कुल बारह एजेंसियाँ इस क्षेत्र की निगरानी व नियमन में शामिल हैं।
महत्वपूर्ण यह भी है कि मॉरिशस ने EU-ग्रीन सूची से भी उभरकर, 40 FATF आवश्यकताओं के अनुपालन में पूरी तरह सक्षम होने का दावा किया है। 2027 में एक परस्पर मूल्यांकन आने वाला है, जिसे लेकर सरकार और एनफोर्समेंट एजेंसियाँ मिलकर काम कर रही हैं, ताकि भविष्य में मॉरिशस किसी भी सूची में न आए।
राजनीतिक स्तर पर, ज्योति जीतून ने कहा कि मॉरिशस भारत और चीन दोनों से अच्छे संबंध रखता है। भारत से आने वाले लोगों का प्रतिशत लगभग 70% है, जबकि 28% क्रियोल, 3% सिनो-मॉरिशियाई और 1% फ्रांको-मॉरिशियाई हैं। मॉरिशस इन दोनों महाशक्तियों के साथ सहयोग के आधार पर काम करने की योजना बनाता है।
आखिर में, भारत के उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री को पहली बार दस विद्युत बसें सौंप कर ‘ग्रीन पार्टनरशिप’ को सुदृढ़ करने का कदम उठाया। यह कदम दोनों देशों के लिए टिकाऊ विकास का प्रतीक माना जा रहा है।