नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि 10 साल पहले अपनाए गए संविधान की रक्षा और उसे सफलतापूर्वक लागू करना सभी नेपाली नागरिकों की जिम्मेदारी है। कार्की ने हाल ही में हुए जेन-Z आंदोलन को युवा पीढ़ी के असंतोष और उम्मीदों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्की ने भ्रष्टाचार से लड़ने, नौकरियां पैदा करने और नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का वादा किया। नेपाल में संविधान दिवस राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है, हालांकि इस वर्ष कार्यक्रम छोटे पैमाने पर आयोजित किए गए। पिछले हफ्ते नेपाल में हुए जेन-Z प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें 72 लोग मारे गए थे। कार्की 12 सितंबर को प्रधानमंत्री बनीं। कार्की के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के पद से हटने के बाद देश में कई दिनों से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हुई। यहां 5 मार्च 2026 को चुनाव होंगे। संविधान दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के अलावा मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत, स्पीकर देवराज घिमिरे, राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण प्रसाद दहल भी शामिल हुए। राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि मौजूदा संविधान ने जातीय, भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता वाले नेपाली समाज को केंद्रीकृत राज व्यवस्था से होने वाले सभी भेदभाव और दमन को खत्म करके व्यापक राष्ट्रीय एकता में बांधा है। उन्होंने सभी नेपाली लोगों से संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र प्रणाली के माध्यम से शांति, सुशासन, विकास और समृद्धि की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए एकजुट रहने का भी आह्वान किया। जेन-Z के एक समूह ने माईतिघर मंडला में एक रैली का आयोजन किया, जहां 8 और 9 सितंबर को विरोध प्रदर्शन हुए थे। संविधान दिवस पर नेपाल की मुख्य राजनीतिक पार्टियों नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी सेंटर ने भी काठमांडू में अपने-अपने पार्टी मुख्यालयों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने माओवादी सेंटर पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में कार्यक्रम को संबोधित किया। पूर्व प्रधानमंत्री ओली अपनी पार्टी के कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
जेन-Z आंदोलन के बाद नेपाल में संविधान दिवस
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