नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को घोषणा की कि पिछले हफ्ते सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए जेन-जेड पीढ़ी के लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिवारों को 10 लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। कार्की ने काठमांडू में गृह मंत्रालय के नवनिर्मित भवन में पदभार ग्रहण किया। पूर्व प्रधान न्यायाधीश कार्की को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने जेन-जेड समूह की सिफारिश पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसने दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के माध्यम से केपी शर्मा ओली की सरकार को गिरा दिया था।
इस बीच, राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति पौडेल ने कुलमन घीसिंग, रामेश्वर खनल और ओम प्रकाश आर्यल को मंत्री नियुक्त किया है। घीसिंग को ऊर्जा, शहरी विकास, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, खनाल को वित्त और आर्यल को गृह मंत्रालय मिलेगा। इन तीनों मंत्रियों का आज राष्ट्रपति कार्यालय में शपथ ग्रहण होगा।
प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि हिंसा और सार्वजनिक और निजी संपत्ति के विनाश में शामिल लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 9 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ सुनियोजित थी और जेन-जेड प्रदर्शनकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे। कार्की ने कहा कि आगजनी और तोड़फोड़ एक आपराधिक कृत्य है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल को देशभर में नष्ट हुई पुलिस चौकियों की मरम्मत का प्रबंध करने का भी निर्देश दिया।
पिछले सोमवार को सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के गुस्से और राजनीतिक वर्ग की कथित उदासीनता को दर्शाता है। केपी शर्मा ओली ने तब इस्तीफा दे दिया था जब सैकड़ों प्रदर्शनकारी उनके कार्यालय में घुस गए और प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के लिए उनके इस्तीफे की मांग की। आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, जिनमें तीन पुलिसकर्मी, 59 प्रदर्शनकारी और 10 कैदी शामिल हैं।