नेपाल के बारा जिले में गुरुवार को फिर से तनाव के बीच कर्फ्यू लगाया गया है। यह फैसला युवा प्रदर्शनकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के कार्यकर्ताओं के बीच नई झड़पों के बाद लिया गया है। यह घटना देश में शासन परिवर्तन के कुछ महीनों बाद राजनीतिक अशांति को और गहरा रही है।

**बारा जिले में फिर से कर्फ्यू लागू**
जिला प्रशासन कार्यालय ने घोषणा की है कि बारा जिले में गुरुवार शाम 8 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते तनाव को नियंत्रित करने और शांति बहाली के लिए यह कदम आवश्यक था। यह ताजा झड़पें इस सप्ताह की शुरुआत में शुरू हुए टकरावों का हिस्सा हैं, जो अब अधिक गंभीर हो गए हैं।
** झड़पों का कारण: हवाई अड्डे की घटना**
पुलिस के अनुसार, घटना तब भड़की जब बुद्ध एयर की एक उड़ान, जिसमें सीपीएन यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल और पार्टी के युवा नेता महेश बस्नेत सवार थे, काठमांडू से सिमरन के लिए उड़ान भरने वाली थी। ये दोनों नेता एक सरकार विरोधी रैली को संबोधित करने वाले थे। खबर फैलते ही, जेन-जेड प्रदर्शनकारियों का एक समूह सिमरन हवाई अड्डे पर उनके आगमन का विरोध करने के लिए इकट्ठा हो गया। इससे स्थानीय यूएमएल कार्यकर्ताओं के साथ उनकी सीधी भिड़ंत हो गई।
इस हंगामे के कारण, बुद्ध एयर ने उस दिन काठमांडू से सिमरन के लिए अपनी सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं, जिसमें दोनों यूएमएल नेताओं वाली उड़ान भी शामिल थी। इन नेताओं को हवाई अड्डे से वापस लौटना पड़ा।
**नेपाल में विरोध प्रदर्शन और ओली सरकार का पतन**
सीपीएन यूएमएल देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें प्रतिनिधि सभा की बहाली की मांग की जा रही है। प्रतिनिधि सभा को 12 सितंबर को भंग कर दिया गया था, जो ओली सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए जेन-जेड आंदोलन के बाद हुआ था। जेन-जेड कार्यकर्ताओं ने पिछली सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और प्रस्तावित सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ 9 सितंबर को हुए प्रदर्शनों के दौरान कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों की सामूहिक हत्याओं की जवाबदेही की भी मांग की है।



