नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बाद केपी ओली सरकार बैकफुट पर आ गई है। सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। यह फैसला कैबिनेट की आपात बैठक के बाद देर रात को हुआ। इसके बाद गृहमंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इन सब के बावजूद भी प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वे अब प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। काठमांडू की सड़कों पर उतरे लोगों में खासा गुस्सा देखा जा रहा है। उनका कहना है कि विरोध प्रदर्शन रुकने वाला नहीं है। अब यह प्रदर्शन सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है। विरोध प्रदर्शन के दौरान बच्चों को स्कूल की ड्रेस में माथे पर गोली मारी गई। आक्रोशित लोगों का कहना है कि बच्चों के माथे पर गोली मारी गई है। ये सभी बच्चे 18 से 19 साल के हैं। अब हमारी मांग है कि इस सरकार को गिराया जाए और नई सरकार का गठन किया जाए। हम प्रधानमंत्री का इस्तीफा चाहते हैं। जब तक सरकार नहीं हटती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, लोग सड़कों से हटने को तैयार नहीं हैं। प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में काठमांडू की सड़कों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। बीते दिनों सोशल मीडिया पर बैन से गुस्साए 18 से 30 साल के युवा वर्ग ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। प्रदर्शनकारियों की बेकाबू भीड़ ने संसद पर कब्जे की कोशिश की। कई जगह गोलियां चलीं, कर्फ्यू लगाना पड़ा है फिर भी ‘Gen-Z’ यानी 18 से 30 साल के युवाओं के क्रोध को दबाया नहीं जा सका। काठमांडू और इटाहारी में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। 21 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। करीब 256 लोगों का इलाज चल रहा है। नेपाल में अचानक शुरू हुए इस भीषण प्रदर्शन के पीछे की वजह ओली सरकार का हालिया फैसला है। सरकार ने नियमों का हवाला देकर अचानक 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिए, जिनमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर भी शामिल हैं। नेपाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 7 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया था। नियमों के मुताबिक, हर कंपनी को नेपाल में लोकल ऑफिस रखना, गलत कंटेंट हटाने के लिए लोकल अधिकारी नियुक्त करना और कानूनी नोटिसों का जवाब देना जरूरी कर दिया गया है, लेकिन देश के युवाओं का आरोप है सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म करना चाहती है। सरकार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सोशल मीडिया बैन कर रही है।
नेपाल में युवाओं की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ आक्रोश
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