सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद नेपाल हिंसा की आग में धधक रहा है। Gen-Z छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के कारण नेपाल के कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ प्रदर्शनकारी छात्र नेपाल की संसद तक पहुंच गए। फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित 26 प्लेटफॉर्म पर ताला लग गया है, और छात्र इसी प्रतिबंध के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।
इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वर्तमान स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो चुकी है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर Gen-Z छात्रों के इस हिंसक प्रदर्शन के पीछे का असली मास्टरमाइंड कौन है? काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर और रैपर बलेन शाह पर शक की सुई टिकी है। बलेन शाह ने खुद इस प्रदर्शन का समर्थन किया है, और चेतावनी भी दी है। मेयर ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल, नेता या कार्यकर्ता को इस विरोध प्रदर्शन का इस्तेमाल अपने हितों के लिए नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रदर्शन 28 वर्ष से कम उम्र के युवाओं के लिए है, इसलिए Gen-Z के होने के कारण वह भी इसमें शामिल नहीं हो सकते, क्योंकि बलेन शाह की उम्र 35 वर्ष है।
बलेन शाह कौन हैं?
बलेन शाह काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर हैं और साथ ही एक नेपाली रैपर भी हैं। उन्होंने 2022 में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) के उम्मीदवारों को हराकर मेयर पद का चुनाव जीता था। वह काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के 15वें मेयर हैं। टाइम मैगजीन ने उन्हें 2023 में टॉप 100 की सूची में शामिल किया था। 27 अप्रैल 1990 को काठमांडू के नरदेवी में जन्मे बलेन शाह सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। उन्होंने भारत के विश्वेश्वरय्या टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की है। संगीत में उनकी गहरी रुचि है और वह एक संगीत निर्माता भी हैं। मधेशी परिवार में जन्मे बलेन शाह के पिता एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे।
बलेन शाह का प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ हमेशा टकराव रहा है, और यह टकराव अब नेपाल में हिंसा का रूप ले चुका है। बलेन सीधे तौर पर इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हैं, लेकिन शक की सुई उन्हीं पर घूम रही है। कहा जा रहा है कि इस बवाल के पीछे उनका हाथ है और वह खुद इस प्रदर्शन को सपोर्ट करने की बात कह चुके हैं। बलेन इससे पहले भी कई मुद्दों पर ओली सरकार को घेर चुके हैं। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के 3500 से ज्यादा कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन न मिलने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी। पिछले साल बलेन ने ओली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमारे कर्मचारियों को अगले हफ्ते के भीतर वेतन नहीं मिला, तो वह उन सबको टुकड़े-टुकड़े कर दफना देंगे। कई मुद्दों पर दोनों के बीच बढ़ते तनाव के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी और बलेन को एक लापरवाह लड़का बताया था।