सोमवार को शुरू हुए Gen-Z प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन के बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में हालात और भी खराब हो गए। इसका फायदा उठाते हुए नेपाल की जेलों में बंद 13,000 से अधिक कैदी भाग गए। देशभर की जेलों में लगभग 30,000 कैदी थे। हिंसा बढ़ने और सरकार गिरने के बाद पुलिस अपनी ड्यूटी से हट गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों और सरकारी दफ्तरों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस अराजकता के बीच, कैदियों ने भागने का अवसर पाया। कई जेलें भारत की सीमा के करीब हैं, जिससे भारत में भी चिंता बढ़ गई है क्योंकि ये कैदी सीमा पार कर सकते हैं।
नेपाल के गृह मंत्रालय और नेपाल पुलिस के सूत्रों के अनुसार, विभिन्न जेलों से 13,572 कैदी फरार हुए हैं। इनमें झुम्पका जेल से 1,575, नक्कु जेल से 1,200, दिल्ली बाजार जेल से 1,100, कास्की जेल से 773, चितवन जेल से 700, कैलाली जेल से 612, जलेश्वर जेल से 576, नवलपरासी जेल से 500 से अधिक, सिंदुलीगढी जेल से 471, कंचनपुर जेल से 450, गौर जेल से 260, दाङ जेल से 124, सोलुखुम्बु जेल से 86, बाजहाङ जेल से 65 और जुम्ला जेल से 36 कैदी शामिल हैं।
ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में सैन्य शासन लगा दिया गया है। सेना अध्यक्ष अशोक राज ने प्रदर्शनकारियों से वापस लौटने और वार्ता की अपील की है। अंतरिम सरकार के गठन की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।