इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई शांति वार्ता किसी भी सफलता के बिना समाप्त हो गई है, जिससे नाजुक युद्धविराम खतरे में पड़ गया है। दोनों पक्ष तुर्की द्वारा मध्यस्थता की गई वार्ताओं में गतिरोध पैदा करने का एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इस गतिरोध के बीच, तालिबान ने इस्लामाबाद को एक कड़ी चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि डूरंड लाइन के साथ भविष्य में कोई भी हमला “प्रतिशोधी कार्रवाई” के साथ पूरा किया जाएगा।
**अफगानिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने बातचीत के दौरान एक दुर्लभ स्वीकारोक्ति की। इसने खुलासा किया कि उसका एक विदेशी देश के साथ समझौता है जो ड्रोन हमलों की अनुमति देता है।** TOLO News के हवाले से कहा गया है, “पाकिस्तान ने एक विदेशी देश के साथ एक समझौते को स्वीकार किया जो ड्रोन हमलों की अनुमति देता है, और वह ऐसे हमलों को नहीं रोक सकता क्योंकि समझौते को तोड़ना संभव नहीं है।” हालांकि, इस्लामाबाद ने यह नहीं बताया कि यह समझौता किस देश के साथ था। यह खुलासा सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के सितंबर में हुए सामरिक पारस्परिक रक्षा समझौते के बाद आया है, और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसके गहरे होते सहयोग के बीच हुआ है।
**पाकिस्तान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा हमलों पर ‘जवाब देने का अधिकार’ मांगा।** चर्चा के दौरान, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने काबुल से TTP द्वारा किए गए हमलों का “जवाब देने के अपने अधिकार” को मान्यता देने पर जोर दिया। हालांकि, तालिबान ने तर्क दिया कि TTP का मुद्दा पाकिस्तान का आंतरिक मामला है। तालिबान प्रतिनिधिमंडल के करीबी सूत्रों ने TOLO News को बताया, “अफगान पक्ष यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी को भी अफगान क्षेत्र का उपयोग अन्य देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए न करने दिया जाए।”
**तालिबान की नई चेतावनी: पाकिस्तान पर हमले का होगा जवाब।** तालिबान ने दोहराया है कि पाकिस्तान से भविष्य में कोई भी हमला मजबूत जवाबी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा। रिपोर्टों में तालिबान प्रतिनिधियों के हवाले से कहा गया है, “अगर अफगानिस्तान की जमीन पर बमबारी की जाती है, तो इस्लामाबाद को निशाना बनाया जाएगा।” यह चेतावनी पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की हालिया टिप्पणियों के बाद आई है, जिन्होंने कथित तौर पर रॉयटर्स को कहा था, “हमारे पास विकल्प है, अगर कोई समझौता नहीं होता है, तो हम उनके साथ खुली जंग करेंगे। लेकिन मैंने देखा कि वे शांति चाहते हैं।”
**वार्ता गतिरोध पर, दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे।** एसोसिएटेड प्रेस (AP) द्वारा उद्धृत सूत्रों ने पुष्टि की है कि वार्ता गतिरोध पर है, और दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कथित तौर पर काबुल की उस हिचकिचाहट की आलोचना की, जिसे उन्होंने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस्लामाबाद की “तार्किक और वैध मांगों” के रूप में वर्णित किया। वहीं, तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा के दौरान पाकिस्तान को “अनिच्छुक” और “अव्यवस्थित” बताया। सुरक्षा सूत्रों ने TOLO News को बताया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के बीच “कोई समन्वय” नहीं था, जो कथित तौर पर बातचीत की मेज से बार-बार हटते रहे।







