पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट किया है कि सऊदी अरब को रक्षा समझौते के तहत परमाणु सुरक्षा नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार केवल पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए हैं और इसे किसी अन्य देश को नहीं दिया जा सकता। इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा और इस संबंध में कोई समझौता नहीं करेगा।
ख्वाजा आसिफ का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ एक रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, दोनों देशों पर हमला होने की स्थिति में इसे दोनों पर हमला माना जाएगा, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब को परमाणु हथियार किराए पर दिए हैं। मध्य पूर्व में, इज़राइल ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं, और SIPRI के अनुसार, उसके पास 90 से अधिक परमाणु हथियार हैं, हालांकि इज़राइल ने इस पर कभी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
ख्वाजा ने कहा कि पाकिस्तान खाड़ी के अन्य देशों के साथ भी इसी तरह की डील करने पर विचार कर रहा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान का लक्ष्य सभी मुस्लिम देशों को एकजुट करना है। सऊदी अरब के साथ हुए समझौते के बाद ईरान को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बना रहता है। पाकिस्तान ईरान का पड़ोसी है और उसने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि यह समझौता दो पवित्र मस्जिदों की रक्षा के लिए किया गया है, क्योंकि इज़राइल खाड़ी देशों को निशाना बना सकता है।