पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने तुर्की को 1,000 एकड़ जमीन मुफ्त में देने की पेशकश की है। यह जमीन कराची इंडस्ट्रियल पार्क में नया एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (ईपीजेड) बनाने के लिए दी जा रही है। इस जोन का लक्ष्य तुर्की की कंपनियों को पाकिस्तान में निवेश के लिए आकर्षित करना है। इसके माध्यम से पाकिस्तान दोनों देशों के बीच व्यापार को 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का इरादा रखता है। दरअसल, तुर्की ने मई में हुई भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अप्रैल 2025 में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन से मुलाकात की थी। इसी दौरान जमीन देने की पेशकश की गई थी। पाकिस्तान के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में तुर्की गया था। उन्होंने वहां के एक्सपोर्ट जोन देखे और समझा कि तुर्की कैसे निवेशकों को सुविधाएं देता है। तुर्की में ये जोन पहले सरकार चलाती थी, लेकिन अब इन्हें निजी कंपनियां चलाती हैं। वहां निवेशकों को 20 साल तक टैक्स में छूट, सस्ती जमीन और बिना रुकावट बिजली-पानी जैसी सुविधाएं मिलती हैं। पाकिस्तान भी कराची में ऐसा ही जोन बनाना चाहता है। अधिकारियों का कहना है कि कराची में ईपीजेड बनने के बाद यहां से मध्य एशिया और खाड़ी देशों तक आसानी से सामान भेजा जा सकता है। तुर्की की कंपनियां अगर यहां उत्पादन करें तो उनकी ट्रांसपोर्ट लागत भी बहुत कम हो जाएगी। अभी ट्रांसपोर्ट की लागत 4,000 डॉलर प्रति टन है, जो बाद में घटकर 1,000 डॉलर प्रति टन हो जाएगी। पाकिस्तान तुर्की के साथ व्यापार समझौता बढ़ाने और खाड़ी देशों (जीसीसी) के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने की भी योजना बना रहा है। यह नया जोन पाकिस्तान और तुर्की के लिए बड़ा फायदा पहुंचा सकता है और व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। यह एक विशेष इलाका होता है, जहां सरकार कंपनियों को विदेशों में सामान बेचने (निर्यात) के लिए खास सुविधाएं देती है। इन क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों को कच्चा माल और मशीन खरीदने पर टैक्स नहीं देना पड़ता, बिजली-पानी सस्ते में मिलता है और कागजी कार्रवाई भी कम होती है। हालांकि इसकी एक शर्त है, ईपीजेड में बने सामान को विदेश में बेचना जरूरी है। इन क्षेत्रों से किसी भी देश को 3 बड़े फायदे मिलते हैं. पहला- लोगों को रोजगार, दूसरी- विदेशी कंपनियां निवेश करती हैं और तीसरा- देश विदेशी मुद्रा (डॉलर) कमाता है। सीधे शब्दों में कहें तो ईपीजेड एक ऐसा इलाका है जहां सरकार कहती है, यहां माल बनाओ, हम टैक्स में छूट देंगे, लेकिन सब कुछ विदेश में बेचना होगा। यह विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की एक लोकप्रिय रणनीति है।
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पाकिस्तान ने तुर्की को 1000 एकड़ जमीन मुफ्त में देने की पेशकश की
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