संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक महिला अधिकारी, शमा जुनेजो, चर्चा का विषय बनी हुई हैं। वह रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के पीछे बैठी दिखाई दीं, जिसके बाद उनकी उपस्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा कैसे बनाया गया। जुनेजो, जो एक स्तंभकार और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट हैं, ने दावा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था।
उनकी चर्चा इसलिए शुरू हुई क्योंकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के एआई पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सत्र में भाषण की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें जुनेजो को उनके पीछे बैठे देखा गया था।
इस मामले में इजराइल का एंगल भी सामने आया, जिससे विवाद और बढ़ गया। यूजर्स ने जुनेजो की सोशल मीडिया पोस्ट के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिसमें उन्होंने इजराइल का समर्थन किया था। यह पाकिस्तान के फिलिस्तीन समर्थक रुख के विपरीत है।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि विदेश मंत्रालय ही जुनेजो की उपस्थिति का कारण बता सकता है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं थीं।
विवादों के बीच, जुनेजो ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री के लिए काम कर रही थीं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भाषण लिखने का काम सौंपा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सुरक्षा पास मिला हुआ था और वह कई बैठकों में शामिल हुईं।