पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति किसी से छिपी नहीं है, यह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश है। भले ही वह परमाणु हथियारों की धमकी दुनिया को दिखाता हो, लेकिन पाकिस्तान को परमाणु मुक्त करना 21वीं सदी की सबसे बड़ी आवश्यकता है। क्योंकि पाकिस्तान जैसे गैर-जिम्मेदार देश के हथियार डिपो में परमाणु बम जैसा हथियार दुनिया के अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।
इसका प्रमाण परमाणु खतरे का आकलन करने वाले अमेरिकी थिंक टैंक बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स ने भी दिया है। बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स की ‘द न्यूक्लियर नोटबुक 2025’ में पाकिस्तान के परमाणु बमों को लेकर ऐसे दावे किए गए हैं जो न सिर्फ दुनिया को चौंका रहे हैं, बल्कि यह भी बता रहे हैं कि पाकिस्तान के परमाणु बम कभी भी आतंकियों के हाथ लग सकते हैं और अमेरिका समेत पूरी दुनिया पर कहर ढा सकते हैं।
बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स की ‘द न्यूक्लियर नोटबुक 2025’ ने दुनिया को पुख्ता सबूत दे दिए हैं कि पाकिस्तान के हाथों में परमाणु हथियार ठीक वैसे ही हैं जैसे छोटे बच्चे के हाथ में बंदूक।
बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स की सबसे नई रिपोर्ट का सार यह है कि पाकिस्तान दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा है। पाकिस्तान में दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु साजिश रची जा रही है जिसका मकसद है दुनिया भर में चोरी-छिपे परमाणु हथियारों की आपूर्ति। यानी पाकिस्तान चुपके से अपने परमाणु हथियार दूसरे देशों को बेच रहा है ताकि वह अपना खाली खजाना भर सके।
‘द न्यूक्लियर नोटबुक 2025’ में लिखा है कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के यूरेनियम संवर्धन की रफ्तार काफी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान यह संवर्धन इसलिए कर रहा है ताकि वह यूरेनियम को बेच सके। इसके साथ ही, पाकिस्तान अपने परमाणु बमों की संख्या भी बढ़ा रहा है।
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर कैसे परमाणु हथियारों का काला कारोबार कर रहे हैं और उनके सिर पर परमाणु सनक किस कदर सवार है, इसका सबूत खुद आसिम मुनीर ने कुछ दिन पहले अमेरिका में दे दिया था, तब आसिम मुनीर ने अमेरिका की धरती पर खड़े होकर कहा था कि हम परमाणु शक्ति हैं, अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे। यही वजह है कि अब पूरी दुनिया में पाकिस्तान को परमाणु मुक्त करने की मांग तेज हो गई है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर की धरती से कहा कि मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार और रोग-ग्रस्त राष्ट्र के हाथ में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं। मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को IAEA की निगरानी में लिया जाना चाहिए।
वहीं, बेंजामिन नेतन्याहू भी कह चुके हैं कि हमारा मिशन एक उग्रवादी इस्लामी शासन को परमाणु हथियारों से रोकना है। इसमें एक नाम ईरान का है, जो परमाणु बम बनाने की कोशिश में है। वहीं दूसरा नाम पाकिस्तान का है, जिसके पास परमाणु हथियार मौजूद हैं।
‘द न्यूक्लियर नोटबुक 2025’ में पाकिस्तान के परमाणु बमों और उनके लॉन्चर के बारे में भी जानकारी दी है। दावा किया गया है कि पाकिस्तान दुनिया की आंखों में धूल झोंककर एटम बम भी बना रहा है और उन्हें लॉन्च करने वाली मिसाइलें भी।
अब पाकिस्तान से जिस तरह परमाणु बम को किराए पर देना शुरू किया गया है, उसके बाद फिर उसके परमाणु बम को जब्त करने की बात हो रही है, क्योंकि यह हथियार आतंकियों तक पहुंचने का खतरा बढ़ गया है।
पाकिस्तान में कभी लोकतंत्र रहा ही नहीं है। जिस मुल्क में लोकतंत्र नहीं है, जहां भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है, वहां जिम्मेदार रवैये और लोकतांत्रिक सोच की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है? यही वजह है कि दुनिया के कई देश पाकिस्तान को परमाणु मुक्त करने की वकालत कर रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान से एटम बम का ब्लैक मार्केट चल रहा है और यह ब्लैक मार्केट आतंकियों तक परमाणु बम पहुंचाने का सबसे आसान रास्ता हो सकता है।