अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास में, फिलिस्तीन ने BRICS देशों के समूह में सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है। BRICS दुनिया की पांच सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है, जिसका नाम ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नाम के पहले अक्षर से लिया गया है। रूस में फिलिस्तीनी राजदूत अब्देल हफीज नोफाल ने कहा कि फिलिस्तीन पहले अतिथि सदस्य के रूप में शामिल हो सकता है, जब तक कि उसे पूर्ण सदस्यता नहीं मिल जाती। नोफाल ने कहा कि मेरा मानना है कि हम पहले अतिथि सदस्य के तौर पर शामिल होंगे और बाद में पूर्ण सदस्यता की ओर बढ़ेंगे। BRICS, जिसकी शुरुआत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से हुई थी, ने 2024 में मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करके विस्तार किया। इसके बाद 2025 में इंडोनेशिया भी इस समूह का हिस्सा बन गया। अब फिलिस्तीन सहित कई और देश BRICS में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं। फिलिस्तीन के आवेदन पर चीन ने सकारात्मक रुख दिखाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि BRICS उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक अहम मंच है। यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी ताकत है। चीन का यह बयान फिलिस्तीन के लिए राजनयिक राहत माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर फिलिस्तीन BRICS में शामिल होता है तो उसे वैश्विक दक्षिण के देशों का और मजबूत समर्थन मिलेगा। हाल के दिनों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, पुर्तगाल और ब्रिटेन सहित कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी है। इजराइल ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।





