जोहान्सबर्ग: भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक अनिवार्यता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन संस्थाएं 21वीं सदी की वास्तविकताओं से कोसों दूर हैं। पीएम मोदी ने आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह न होने की बात कहते हुए आतंकवाद-निरोध पर करीबी समन्वय की आवश्यकता पर भी बल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस’ स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा, जिसका उद्देश्य UPI जैसी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और CoWIN जैसे स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म को साझा करना होगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि IBSA केवल तीन देशों का समूह नहीं है, बल्कि यह ‘तीन महाद्वीपों, तीन प्रमुख लोकतांत्रिक राष्ट्रों और तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं’ को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी ने कहा कि IBSA एक-दूसरे के विकास को पूरक बना सकते हैं और सतत विकास के लिए एक उदाहरण पेश कर सकते हैं। उन्होंने बाजरा, प्राकृतिक खेती, आपदा लचीलापन, हरित ऊर्जा, पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
IBSA फंड द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में चालीस देशों में परियोजनाओं का समर्थन करने के काम की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग को और बढ़ावा देने के लिए ‘IBSA फंड फॉर क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर’ का प्रस्ताव दिया।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहान्सबर्ग पहुंचे थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को गर्मजोशी भरे स्वागत और इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया था। यह जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी की चौथी आधिकारिक यात्रा है।






