भारत के निकट इंडोनेशिया में शुक्रवार को हालात बेकाबू हो गए। राजधानी जकार्ता सहित कई प्रमुख शहरों में सड़कों पर भारी भीड़ पुलिस से भिड़ गई। इसका कारण एक वीडियो था जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस बख्तरबंद वाहन एक डिलीवरी राइडर को कुचलते हुए दिखाई दे रहा था। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि घटना की जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल, पुलिस मोबाइल ब्रिगेड के सात अधिकारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, लेकिन उस वाहन के ड्राइवर की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
यह घटना गुरुवार को घटी जब 21 वर्षीय अफ्फान कुर्नियावान खाना डिलीवरी के लिए निकले थे। झड़प के दौरान, वह अचानक पुलिस की गाड़ी के नीचे आ गए। घटना के समय मौजूद लोगों का कहना है कि गाड़ी भीड़ से गुजरी और अफ्फान को कुचल दिया। वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। हजारों प्रदर्शनकारी जकार्ता में पुलिस मोबाइल ब्रिगेड मुख्यालय के बाहर जमा हुए। पुलिस ने वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसका जवाब भीड़ ने पत्थर और अन्य वस्तुओं से दिया। क्वितांग इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक पांच मंजिला इमारत में आग लगा दी। विरोध प्रदर्शन सिर्फ अफ्फान की मौत से ही संबंधित नहीं है; हाल ही में यह खुलासा हुआ था कि इंडोनेशियाई सांसदों को वेतन के अलावा आवास भत्ते के रूप में बड़ी रकम मिल रही है, जो जनता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। सुराबाया, योग्याकर्ता, मेदान, मकास्सर, मनाडो, बांडुंग और पापुआ सहित अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। अफ्फान के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए, और राजधानी की मुख्य सड़कें भीड़ से भर गईं।