रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फोन पर बातचीत की, जो सितंबर 2022 के बाद उनकी पहली सीधी बातचीत थी। इस बातचीत का मुख्य केंद्र यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव थे। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पश्चिमी देशों की नीतियों का परिणाम था, जिन्होंने रूस की सुरक्षा हितों की अनदेखी की थी और यूक्रेन में एक ‘रूस-विरोधी अड्डा’ बनाया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी समझौते में यूक्रेन संकट के मूल कारणों को संबोधित किया जाना चाहिए और वर्तमान क्षेत्रीय वास्तविकताओं पर विचार किया जाना चाहिए।
दोनों नेताओं ने इज़राइल और ईरान के बीच हालिया तनाव पर भी चर्चा की, और कूटनीति को आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता माना। उन्होंने अपनी स्थिति को एक साथ लाने का संकल्प लिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शांति, सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था को बनाए रखने के अपने साझा दायित्व को स्वीकार किया, विशेष रूप से ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा विकसित करने के अधिकार को संबोधित करते हुए।
फ्रांस यूक्रेन का एक प्रमुख समर्थक रहा है, लेकिन मैक्रों ने संकेत दिया है कि वह अब और हथियार आपूर्ति नहीं कर सकता है और यूरोपीय सुरक्षा वार्ता के संदर्भ में मास्को के साथ संवाद फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।