यूक्रेन के पूर्वी मोर्चे पर रूस ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाते हुए, डोनेट्स्क क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पुल को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। यह पुल यूक्रेनी सेना के लिए हथियारों, सैन्य उपकरणों और सैनिकों की आवाजाही का एक प्रमुख जरिया था। इस हमले से यूक्रेन की सैन्य लॉजिस्टिक्स (रसद) को गंभीर झटका लगा है, जिससे पूर्वी मोर्चे पर सैनिकों की तैनाती और आपूर्ति बाधित हो गई है।
**मुख्य सप्लाई लाइन तबाह**
रूसी वायु सेना ने सटीकता से इस पुल को निशाना बनाया और इसे मलबे में तब्दील कर दिया। यूक्रेनी सेना इस मार्ग का उपयोग विशेष रूप से पूर्वी मोर्चे पर महत्वपूर्ण सैन्य सामग्री और अतिरिक्त सैनिकों को भेजने के लिए कर रही थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस कार्रवाई को एक “सैन्य उद्देश्य पर लक्षित हमला” बताया, जिसका मुख्य लक्ष्य यूक्रेन की आपूर्ति श्रृंखला को भंग करना है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों ने चिंता जताई है कि इस विनाश से आसपास के गांवों और नागरिकों के लिए खतरा बढ़ गया है।
**कीव के लिए एक रणनीतिक आघात**
यूक्रेनी सेना के लिए यह पुल जीवन रेखा के समान था। इसके नष्ट होने से लॉजिस्टिक सपोर्ट गंभीर रूप से प्रभावित होगा और रूसी सैनिकों को यूक्रेनी क्षेत्र में और आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। डोनेट्स्क क्षेत्र के गवर्नर ने सोशल मीडिया पर कहा, “यह हमला न केवल हमारी आपूर्ति लाइनों को प्रभावित करता है, बल्कि निर्दोषों के जीवन को भी खतरे में डालता है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल समर्थन की अपील करते हैं।” विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो अब अपने 1,000वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
**डोनेट्स्क: डोनबास के करीब**
डोनबास क्षेत्र के निकट स्थित डोनेट्स्क लंबे समय से रूसी हमलों का निशाना रहा है। हाल ही में 25 अक्टूबर को मिसाइल और ड्रोन हमलों में दो नागरिकों की मौत हो गई थी, और 30 अक्टूबर को पोक्रोव्स्क में भी हवाई हमले की खबरें थीं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, रूस पर नागरिक क्षेत्रों पर हमलों के लिए युद्ध अपराधों के आरोप लगे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। एक वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुल का विनाश पूर्वी क्षेत्र में रूसी अग्रिमों को रोकने की कोशिश कर रही यूक्रेनी सेना की गतिशीलता को काफी हद तक बाधित करेगा।
**रूस ने ‘सफलता’ का जश्न मनाया, कीव सहायता की तलाश में**
मॉस्को ने इस सैन्य अभियान को एक बड़ी सफलता करार दिया है, जबकि कीव ने अपने नाटो सहयोगियों से अतिरिक्त हथियार और समर्थन मांगा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला सर्दियों से पहले यूक्रेनी आपूर्ति लाइनों को बाधित करने की रूस की रणनीति का हिस्सा है। इस हमले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर त्वरित प्रतिक्रियाएं आई हैं, अमेरिका ने इसकी निंदा की है और यूरोपीय संघ अतिरिक्त प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है।
**ज़ेलेंस्की: ‘हम झुकेंगे नहीं’**
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, “हम झुकेंगे नहीं। हर नुकसान हमें और मजबूत बनाता है।” इस हमले का असर वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर भी पड़ा है, क्योंकि क्षेत्र में आपूर्ति बाधित होने से यूरोपीय आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन को सैन्य अभियानों को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक मार्गों को विकसित करना होगा, हालांकि रूसी हवाई श्रेष्ठता एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।
यह संघर्ष शांति की तत्काल संभावना के बिना जारी है, क्योंकि दोनों पक्ष आने वाले महीनों में तीव्र टकराव के लिए तैयार हैं।






