रविवार को रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जो 12 घंटे से अधिक समय तक चला। रूस ने लगभग 500 ड्रोन और 40 मिसाइलों से हमला किया, जिसमें खतरनाक हाइपरसोनिक किंझाल मिसाइलें भी शामिल थीं। इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इसे नागरिकों पर जानबूझकर किया गया आतंक करार दिया।
हमले का मुख्य निशाना राजधानी कीव और उसके आसपास के इलाके रहे। इसके अलावा, ओडेसा, जापोरिज्जिया, सुमी, मिकोलेव, चेर्नीहीव और खमेलनित्सकी जैसे शहर भी प्रभावित हुए। कीव में कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट की इमारत पर सीधा हमला हुआ, जिसमें 12 साल की एक बच्ची सहित 4 लोगों की मौत हो गई।
इस हमले के तुरंत बाद, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन पहले उसकी सुरक्षा चिंताओं और रूसी भाषी लोगों के अधिकारों को समझा जाना चाहिए। यूक्रेन का कहना है कि वह रूस के हर हमले का जवाब देगा और शांति के लिए वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है।
यह हमला संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के कुछ दिन बाद हुआ। ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह हमला रूस की असली मंशा दिखाता है, जो शांति नहीं चाहता बल्कि युद्ध चाहता है। यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने कहा कि रूस को आगे की किसी भी कार्रवाई की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की गई हैं। रिहायशी इमारतें, ब्रेड फैक्ट्री और टायर फैक्ट्री जैसी कई जगहें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस यह दिखाना चाहता है कि वह अभी भी लड़ाई जारी रखना चाहता है और दुनिया को चुनौती दे रहा है। उन्होंने अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों से रूस की ऊर्जा आय को रोकने और उस पर कड़ा आर्थिक दबाव बनाने की अपील की।