
पुतिन ने जिन क्षेत्रों को रूस में मिलाने की शर्त रखी है, उन इलाकों में हमले बढ़ा दिए गए हैं, जिससे रूस जल्द से जल्द संपूर्ण कब्जा करना चाहता है। खबरों के अनुसार, पुतिन ने शांति के लिए इन क्षेत्रों पर अपने अधिकार को स्वीकार करने के लिए ट्रंप से कहा है। पुतिन अलास्का वार्ता में कह चुके हैं कि वे युद्ध रोकने का स्थायी समाधान चाहते हैं। स्थायी समाधान का मतलब है कि यूक्रेन का वह हिस्सा उन्हें दे दिया जाए, जहां लड़ाई जारी है। लेकिन यह इतनी आसानी से होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि यूरोपीय देश लगातार यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी मांग रहे हैं और जेलेंस्की कई बार कह चुके हैं कि वह क्षेत्र की अदला-बदली के साथ कोई भी समझौता नहीं करेंगे। रूस डोनेस्क, लुहांस्क, जेपोरिजिया, खेरसोन, सूमी और खारकीव के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण करना चाहता है, जहां रूसी मूल के लोगों की संख्या अधिक है। वाशिंगटन वार्ता के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि पुतिन इन 6 इलाकों को छोड़ने वाले नहीं हैं। रूस नाटो सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहता है और यूरोपीय देशों की सुरक्षा गारंटी की मांग पर आपत्ति जताता है।





