शंघाई हवाई अड्डे पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार ने इंटरनेट पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। महिला, पेमा वांग थोंगडोक ने बताया कि चीनी आव्रजन अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को अवैध करार देते हुए उन्हें 18 घंटे से अधिक समय तक रोके रखा। अधिकारियों का दावा था कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।

पेमा ने अपनी आपबीती सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की, जिसमें उन्होंने हवाई अड्डे पर हुई परेशानी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने न केवल उनके पहचान पत्र पर सवाल उठाए, बल्कि उनके जन्मस्थान को लेकर भी आपत्ति जताई। इस घटना के बाद, पेमा ने भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को टैग करते हुए इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री कार्यालय, पेमा खांडू, किरण रिजिजू, मुझे 21 नवंबर 2025 को शंघाई हवाई अड्डे पर 18 घंटे से अधिक समय तक रोका गया। चीन आव्रजन और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ने मेरे भारतीय पासपोर्ट को अवैध कहा क्योंकि मेरा जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश है, जिसे वे चीनी क्षेत्र बताते हैं।”
इस पोस्ट पर नेटिजन्स की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने इस घटना पर गुस्सा और चिंता व्यक्त की है, और इसे भारत का अपमान बताया है। एक एक्स यूजर ने विदेश मंत्रालय (@MEAIndia) से कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा, “यह अस्वीकार्य है।”
एक अन्य यूजर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग करते हुए पूछा, “क्या हम अब इस पर कार्रवाई कर सकते हैं?” इस घटना ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर संवेदनशीलता को फिर से उजागर कर दिया है।






