क्या सीरिया में हालात बदल रहे हैं? लंबे समय तक सीरिया में तानाशाह रहे बशर-अल-असद के शासन के पतन के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि दिसंबर में बशर अल-असद की सरकार के खात्मे के बाद से, करीब 8.50 लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थी पड़ोसी देशों से अपने वतन लौट आए हैं और आने वाले हफ्तों में यह संख्या 10 लाख को भी पार कर सकती है। UNHCR के डिप्टी हाई कमिश्नर केली टी. क्लेमेंट्स ने राजधानी दमिश्क में बताया कि 14 साल से चले आ रहे लंबे संघर्ष के दौरान आंतरिक रूप से विस्थापित हुए करीब 17 लाख लोग अपने-अपने समुदायों में लौट आए हैं क्योंकि अब देश में अंतरिम केंद्रीय सरकार ने सीरिया के बड़े हिस्से पर कंट्रोल बना लिया है। पिछले डेढ़ दशक में सीरिया में गृह युद्ध चला, जिसमें करीब 5 लाख लोग मारे गए और 50 लाख से ज्यादा सीरियाई शरणार्थी बनकर देश छोड़कर भाग गए थे। क्लेमेंट्स ने कहा कि अब हर किसी के वापस आने की अलग-अलग वजहें है, जबकि कुछ लोग देरी कर रहे हैं। उन्होंने लेबनान के बॉर्डर पर ट्रकों और सीरिया वापस जाने के लिए इंतजार कर रहे लोगों की लंबी कतारें देखीं। लेबनान के अधिकारियों ने देश में अवैध रूप से रह रहे सीरियाई लोगों को अगस्त के अंत तक देश छोड़ने पर छूट दी थी। वापसी असाधारण रूप से ज्यादा देखी गई। दिसंबर में विद्रोही गुटों के हमले में असद सरकार के पतन के बाद बड़ी संख्या में सीरियाई लोगों को उम्मीदें थीं। जुलाई में दक्षिणी प्रांत स्वेदा में ड्रूज़ अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हत्याओं में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। क्लेमेंट्स ने बताया कि जुलाई में सरकार समर्थक बंदूकधारियों और ड्रूज़ लड़ाकों के बीच हुई भीषण जंग के परिणामस्वरूप दक्षिणी सीरिया में करीब 2 लाख लोग विस्थापित हुए। दमिश्क-स्वेदा हाईवे अब खुल गया है, जिससे क्षेत्र में और अधिक राहत सामग्री पहुंच सकेंगी।
सीरिया में क्या लौट रही है शांति? 8 लाख से अधिक सीरियाई लौटे
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