पाकिस्तान इस समय TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) और BLA जैसे विद्रोही संगठनों से परेशान है। पाक सरकार अफगान तालिबान सरकार पर आरोप लगाती रही है कि वह TTP की मदद कर रहे हैं और उसके आतंकियों को पनाह दे रहे हैं।
पाकिस्तान टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगान तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को नियमित रूप से आर्थिक सहायता दे रहा है, जिसमें समूह के नेता नूर वली महसूद के परिवार को हर महीने लगभग 30 लाख अफगानिस्तानी (43,000 अमेरिकी डॉलर) का भुगतान भी शामिल है। इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने, सैन्य बुनियादी ढांचा विकसित करने और पाकिस्तान के खिलाफ हमले करने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि तालिबान अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, पक्तिका और खोस्त प्रांतों में TTP को सुरक्षित पनाहगाह और प्रशिक्षण शिविर प्रदान कर रहा है, जिससे समूह को भर्ती नेटवर्क और गतिविधियों का विस्तार करने में मदद मिल रही है। तालिबान ने TTP कमांडरों और लड़ाकों को शरण दी है, जिससे उन्हें फिर से संगठित होने, अपने नेटवर्क को मजबूत करने और सीमा पार हमले करने का मौका मिला है।
टीटीपी खुद भी अपराध, उगाही, चंदा और दूसरे आतंकी संगठनों से मिलने वाले पैसों से फंड इकट्ठा करता है। पाकिस्तानी अधिकारी लंबे समय से अफगान तालिबान पर TTP का समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि तालिबान ने इन आरोपों का खंडन किया है।