अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। तालिबान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह किसी भी स्थिति में अमेरिका को एयरबेस सौंपने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, यदि वॉशिंगटन बलपूर्वक एयरबेस पर कब्जा करने का प्रयास करता है, तो तालिबान युद्ध फिर से शुरू करने के लिए तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कई बार बगराम एयरबेस को रणनीतिक महत्व का बताते हुए चेतावनी दी थी कि अगर तालिबान सहयोग नहीं करता है तो परिणाम बुरे होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, तालिबान सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा का आवास, जो ऐनो मीना इलाके में एक स्थानीय व्यापारी के गेस्टहाउस में स्थित है, को विशेष सुरक्षा घेरे में रखा गया है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और फोन तथा अन्य संचार उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उनके आसपास कमांडो तैनात किए गए हैं।
कंधार में हुई उच्चस्तरीय बैठकों में तालिबान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद, विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी, उच्च शिक्षा मंत्री नदा मोहम्मद नदिम, खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी, संचार मंत्री, केंद्रीय बैंक के गवर्नर और चीफ जस्टिस अब्दुल हकीम हक्कानी शामिल हुए। बैठक में यह तय किया गया कि बगराम एयरबेस का हस्तांतरण असंभव है। यदि अमेरिका हमला करता है तो तालिबान तुरंत जवाब देगा।
कुछ अधिकारियों ने अखुंदजादा को चेतावनी दी कि 2020 के दोहा समझौते के तहत अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए अफगानिस्तान लौट सकता है। हालांकि, अखुंदजादा ने किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को खारिज करते हुए राजनीतिक संवाद जारी रखने पर जोर दिया।
बगराम एयरबेस अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा रहा है और यह 20 साल तक अभियान का मुख्य केंद्र रहा। अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह तालिबान के कब्जे में आ गया। ट्रम्प इसे चीन और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते रहे हैं। तालिबान ने हाल ही में अमेरिका को 2020 दोहा समझौते का सम्मान करने और अतीत की असफल नीतियों को न दोहराने की सलाह दी है।