तालिबान ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस देने के लिए कहा था। तालिबान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ फसीहुद्दीन फितरत ने काबुल में कहा कि अफगानिस्तान अब पूरी तरह से स्वतंत्र है और किसी भी विदेशी ताकत पर निर्भर नहीं है। हम किसी भी धमकाने वाले या हमलावर से नहीं डरते। अफगानिस्तान की एक इंच जमीन पर भी कोई समझौता नहीं होगा। तालिबान ने कहा कि ऐसा होना संभव नहीं है और अगर ज़बरदस्ती की गई तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।
इससे पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर चेतावनी दी थी कि अगर अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस वापस नहीं किया तो बुरी चीजें हो सकती हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि बगराम एयरबेस को छोड़ना एक बड़ी गलती थी जिससे अमेरिकी हथियार और सैन्य संसाधन तालिबान के हाथ लग गए।
बगराम एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 64 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अमेरिका और नाटो सेनाओं के लिए अफगानिस्तान में सबसे बड़ा और अहम सैन्य अड्डा था। 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अभियान चलाया और इस बेस को अपना मुख्य केंद्र बनाया। जुलाई 2021 में हुए एक समझौते के तहत यहां से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू हुई। यहां बड़ा रनवे, मजबूत सैन्य ढांचे, अस्पताल, ईंधन डिपो और यहां तक कि फास्ट फूड रेस्टोरेंट और दुकानें भी थीं। बगराम में एक बड़ी जेल भी थी, जहां कई कैदियों को बिना मुकदमे के सालों तक रखा गया था।
बगराम एयरबेस की भौगोलिक स्थिति इसे बेहद खास बनाती है। यह ईरान, पाकिस्तान, चीन और मध्य एशिया के नजदीक है। इसकी वजह से अमेरिका के लिए यहां से पूरे क्षेत्र में निगरानी और सैन्य गतिविधियों पर नजर रखना आसान होता है।
ब्रिटेन दौरे पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस बेस को फिर से अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि हमें इससे बहुत कुछ हासिल हो सकता है। साथ ही ये भी कहा कि अफगानिस्तान को हमारी जरूरत है। हालांकि तालिबान ने साफ कर दिया है कि वह बगराम एयरबेस किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगा।