थाईलैंड की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। युवा प्रधानमंत्री पैटोंगतार्न शिनावात्रा को अदालत ने पद से हटा दिया है। शिनावात्रा, पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी हैं। अदालत के इस फैसले ने उनके राजनीतिक करियर को झटका दिया। उनके पद से हटने के बाद से ही चर्चा है कि थाईलैंड की बागडोर किसके हाथ में जाएगी। इस बीच, उद्योगपति से नेता बने अनुतिन चार्नवीराकुल सुर्खियों में हैं। मेडिकल गांजे को वैध कराने वाले इस नेता का नाम प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है। अनुतिन एक बड़े कारोबारी घराने से आते हैं और राजनीति में उनका दबदबा है। वह भुमजैथाई पार्टी के मुखिया हैं और कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। उन्होंने थाईलैंड में मेडिकल कैनबिस यानी गांजे को वैध कराने का रास्ता खोला। उन्हें गांजा मैन भी कहा जाता है। उनकी पार्टी पहले पैटोंगटार्न शिनावात्रा की सरकार का हिस्सा थी, लेकिन कंबोडिया के साथ सीमा विवाद को लेकर असहमति के कारण गठबंधन से अलग हो गई। थाईलैंड की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, पीपुल्स पार्टी ने अनुतिन को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन देने का संकेत दिया है। यह समर्थन बिना शर्त नहीं है। पार्टी ने कहा है कि अनुतिन को 4 महीने में संसद भंग करनी होगी और संविधान बदलने की दिशा में कदम उठाने होंगे। फिलहाल, उन्होंने सात पार्टियों और छोटे समूहों के साथ मिलकर 146 सीटों का गठबंधन बनाया है। पीपुल्स पार्टी अनुतिन की सरकार में शामिल नहीं होगी, लेकिन अपने सांसदों का समर्थन देगी, जिससे अनुतिन को प्रधानमंत्री बनने के लिए जरूरी वोट मिल सकें। सवाल है कि क्या अनुतिन अंतरिम प्रधानमंत्री बनेंगे या यह उनके लंबे राजनीतिक सफर की शुरुआत होगी?
थाईलैंड में नए प्रधानमंत्री: क्या गांजा वैध कराने वाले उद्योगपति बनेंगे?
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