दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर भारत के सबसे बड़े हथियार सप्लायर, शेख सलीम उर्फ़ सलीम पिस्टल को नेपाल से भारत लाया गया है। सलीम को 9 अगस्त को नेपाल में गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के अनुसार, उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के दफ्तर में रखा गया है।
सलीम 2018 से फरार था। वह वही शख्स है जिसने तुर्की में बनी जिगाना पिस्टल भारत के गैंगस्टरों तक पहुँचाई। वह कई सालों से पाकिस्तान से आधुनिक हथियारों की तस्करी करता रहा और गैंगस्टरों को सप्लाई करता रहा। 2018 में दिल्ली पुलिस ने उसे पहली बार पकड़ा था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह विदेश भाग गया था।
एजेंसियों के अनुसार, सलीम के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से गहरे संबंध थे। वह सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के एक आरोपी का गुरु भी माना जाता है। उसका नाम बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में भी सामने आ चुका है। उसने लॉरेंस बिश्नोई, हाशिम बाबा जैसे कुख्यात गैंगस्टरों को भी हथियार सप्लाई किए।
सलिम पिस्टल का असली घर दिल्ली के जाफराबाद में है। सलिम ने आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी और ड्राइवर का काम करने लगा। उसका अपराध की दुनिया में प्रवेश 2000 में हुआ, जब वह अपने साथी मुकेश गुप्ता उर्फ काका के साथ गाड़ियां चोरी करते पकड़ा गया।
साल 2011 में सलिम ने जाफराबाद में 20 लाख रुपये की एक बड़ी हथियारबंद लूट की। 2013 में उसे पुलिस ने पकड़ा और IPC की धारा 395 और 397 के तहत केस दर्ज हुआ। समय के साथ वह अपराध की दुनिया में ऊपर चढ़ता गया और एक बड़ा हथियार तस्कर बन गया, जिसकी इंटरनेशनल लेवल पर भी पहचान बन गई।
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि सलिम तुर्की में बनी जिगाना पिस्टल की तस्करी में गहराई से जुड़ा हुआ था, जिन्हें भारत के गैंगस्टर बहुत पसंद करते हैं। इस काम में उसके साथ खुर्जा, बुलंदशहर के दो भाई थे, जो पाकिस्तान से ये हथियार भारत में लाने में उसकी मदद करते थे। पिस्टल के पार्ट्स को अलग-अलग कर गाड़ियों के छुपे हिस्सों में छिपाया जाता और बाद में जोड़कर तैयार किया जाता था।