
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने ‘चिंताजनक देशों’ की श्रेणी में रखे गए देशों के नागरिकों को जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्ड की ‘पूरी तरह से, गहन समीक्षा’ का ऐलान किया है। यह बड़ा नीतिगत बदलाव व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक द्वारा दो नेशनल गार्ड के जवानों पर की गई गोलीबारी की घटना के बाद आया है।
यूएससीआईएस (USCIS) के निदेशक जोसेफ एडलो ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर उठाया गया है। एडलो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “@POTUS के निर्देश पर, मैंने चिंताजनक देशों से आने वाले हर एलियन के हर ग्रीन कार्ड की पूरी पैमाने पर, गहन समीक्षा का आदेश दिया है।” उन्होंने जोर दिया कि अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है और पिछली सरकार की ‘लापरवाह पुनर्वास नीतियों’ की कड़ी आलोचना की।
**नीति को ट्रिगर करने वाली घटना**
यह नीतिगत परिवर्तन हाल ही में व्हाइट हाउस के पास हुई एक दुखद घटना के बाद हुआ है। बुधवार को, अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकानवाल ने गोलीबारी की, जिसमें दो नेशनल गार्ड के जवान घायल हुए। अमेरिकी सेना की स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम, 20, की मृत्यु हो गई और स्टाफ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ, 24, की हालत गंभीर बनी हुई है। लाकानवाल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की निकासी और पुनर्वास कार्यक्रम के तहत आया था।
**किन पर होगा असर?**
नई नीति के तहत, यूएससीआईएस अधिकारी अब आव्रजन आवेदनों की समीक्षा करते समय देश-विशिष्ट कारकों पर विचार कर सकेंगे, खासकर 19 ‘उच्च-जोखिम वाले देशों’ के मामलों में। इन देशों में अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो गणराज्य, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन शामिल हैं।
**भारतीयों पर प्रभाव**
इस कार्रवाई का अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारत इस ‘चिंताजनक देशों’ की सूची में शामिल नहीं है। यह नई नीति तत्काल प्रभाव से लागू है और 27 नवंबर या उसके बाद दायर या लंबित सभी आव्रजन आवेदनों पर लागू होगी। ग्रीन कार्ड धारकों को स्थायी निवासी का दर्जा मिलता है और यह अमेरिकी नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है।






