संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बैठक के लिए दुनिया भर के नेता अमेरिका पहुंचे हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई नेताओं के साथ ओवल ऑफिस में मुलाकात कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में, ट्रंप ने भारत के दो विरोधी देशों के नेताओं से मुलाकात की है। गुरुवार को, उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठकें कीं।

इन बैठकों के दौरान, अमेरिका और तुर्की के बीच एक सिविल न्यूक्लियर डील हुई। बंद कमरे में शाहबाज और मुनीर के साथ बैठक के बाद, ट्रंप ने आसिम मुनीर को ‘ग्रेट गॉय’ कहा। अमेरिका प्रशासन का भारत के इन दोनों देशों के साथ संबंध बनाना भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि रूसी तेल और टैरिफ को लेकर दोनों देशों में पहले से ही तनाव है।
**तुर्की के साथ न्यूक्लियर डील**
तुर्की के ऊर्जा मंत्री, अलपसलन बायरकटर ने गुरुवार को व्हाइट हाउस से बाहर आने के बाद मीडिया को बताया कि अमेरिका और तुर्की ने स्ट्रेटेजिक सिविल न्यूक्लियर डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एर्दोआन के साथ बैठक के बाद एक बड़ी घोषणा करने की बात कही थी।
यह कदम तुर्की के लिए एक जीत माना जा रहा है, क्योंकि पूर्व डेमोक्रेटिक प्रशासन ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन को इतनी प्राथमिकता नहीं दी थी।
**रूस से तेल खरीद बंद करने का आग्रह**
राष्ट्रपति ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डाला है। ट्रंप ने कहा कि वह एर्दोआन को F-35 जेट प्रोग्राम में फिर से शामिल करने पर विचार करेंगे, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अमेरिका के लिए कुछ करते हैं या नहीं।
तुर्की के रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं और वह नाटो का सदस्य भी है। ऐसे में ट्रंप एर्दोआन को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देख रहे हैं।
**शहबाज और मुनीर को ‘ग्रेट लीडर’ कहा**
डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ओवल ऑफिस में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात की। इस मुलाकात में शरीफ के साथ पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी मौजूद थे। ट्रंप ने इससे पहले मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया था। इस मुलाकात में विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों मेहमानों को महान नेता कहा। ट्रंप की इस टिप्पणी से समझा जा सकता है कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते ट्रंप प्रशासन में मजबूत हो रहे हैं।
**कश्मीर मुद्दे में दखल नहीं**
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप को भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है, जबकि भारत इसे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है।





