अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके शीर्ष सलाहकार इस साल साउथ कोरिया जा सकते हैं। ट्रंप अक्टूबर के अंत में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की संभावना है। बैठक की योजना बन रही है, हालांकि अभी तक समय-सारणी तय नहीं हुई है।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप और जिनपिंग के बीच एपेक समिट के दौरान द्विपक्षीय बैठक हो सकती है। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव, विशेष रूप से ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर, बढ़ा हुआ है। ट्रंप उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से भी मिल सकते हैं।
पिछले महीने ट्रंप और जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें जिनपिंग ने ट्रंप और उनकी पत्नी को चीन आने का न्योता दिया था। ट्रंप का जवाब सकारात्मक था, लेकिन बैठक की तारीख तय नहीं हो पाई है।
एपेक शिखर सम्मेलन अक्टूबर के अंत में ग्योंगजू में होगा। इस यात्रा को ट्रंप के लिए अमेरिका में आर्थिक निवेश सुनिश्चित करने के अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है। ट्रंप अपनी यात्रा में अन्य देशों के दौरे पर भी जा सकते हैं।
यह भी चर्चा है कि ट्रंप इस दौरे में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से मिल सकते हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि किम एपेक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं। व्हाइट हाउस के अधिकारियों के अनुसार, साउथ कोरिया दौरे का लक्ष्य अमेरिका में आर्थिक निवेश को बढ़ावा देना, व्यापार, रक्षा और परमाणु सहयोग पर चर्चा करना है।
ट्रंप ने हाल ही में साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग से मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें एपेक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। म्युंग ने ट्रंप और किम के बीच बैठक का प्रस्ताव भी रखा था। ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान किम जोंग उन से तीन बार मिल चुके हैं। ट्रंप का यह दौरा शी और किम के साथ उनके नाजुक संबंधों के बीच हो रहा है।
चीन की राजधानी बीजिंग में 3 सितंबर को हुई विक्ट्री परेड पर ट्रंप ने सोशल मीडिया पर चुटकी ली थी। उन्होंने लिखा, ‘राष्ट्रपति शी और चीन के अद्भुत लोगों के लिए यह जश्न का दिन शानदार और स्थायी हो। कृपया व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग उन को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं दें, क्योंकि आप अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।’
हाल ही में चीन के तियानजिन में हुई एससीओ समिट पर भी ट्रंप ने टिप्पणी की थी, जिसमें शी जिनपिंग, किम जोंग उन, पुतिन और नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे। उन्होंने 5 सितंबर को शी, पुतिन और मोदी की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘लगता है हमने भारत और रूस को खो दिया है, जो अब चीन के साथ चले गए हैं।’ हालांकि, उन्होंने भारत के साथ संबंधों को खास बताया और कहा कि वे और प्रधानमंत्री मोदी अच्छे दोस्त हैं।