अलास्का में हुई बैठक के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप लगातार एक व्यक्ति के संपर्क में रहे ताकि व्लादिमीर पुतिन के विचारों को समझा जा सके। वह व्यक्ति थे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको। लुकाशेंको को पुतिन का करीबी माना जाता है। बातचीत के दौरान ट्रंप, लुकाशेंको के माध्यम से पुतिन की असली मंशा जानने की कोशिश में थे। बैठक से पहले, ट्रंप ने लुकाशेंको को फोन भी किया। बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी मौजूद थे।
बैठक से पहले, यूक्रेन और यूरोपीय देशों का मानना था कि पुतिन केवल समय बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर ज़ेलेंस्की के अनुसार, पुतिन ट्रंप के गुस्से को शांत करना चाहते हैं और कार्रवाई से बचने के लिए बातचीत का दिखावा कर रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि पुतिन शांति नहीं चाहते, बल्कि युद्ध के माध्यम से जमीन हथियाना चाहते हैं।
अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूस के राष्ट्रपति हैं, जो सोवियत संघ से अलग होने के बाद से इस पद पर बने हुए हैं। उन्हें व्लादिमीर पुतिन का खास माना जाता है। लुकाशेंको ने कृषि की पढ़ाई की है और सोवियत सेना में दो साल तक सेवा दी। उन्हें ‘यूरोप का आखिरी तानाशाह’ भी कहा जाता है। 1994 में बेलारूस का संविधान बनने के बाद, लुकाशेंको राष्ट्रपति बने और तब से पद पर बने हुए हैं। वह पहले नेता थे जिन्होंने यूक्रेन युद्ध में खुलकर रूस का समर्थन किया।