पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल के राष्ट्रपति को एक पत्र भेजकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उनके भ्रष्टाचार के मुकदमे में माफी देने का आग्रह किया है। ट्रम्प ने इस मामले को ‘राजनीतिक और अनुचित अभियोजन’ बताया है। यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने नेतन्याहू के मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। उन्होंने पिछले महीने इजराइल की संसद में भी नेतन्याहू के लिए माफी की मांग की थी।

नेतन्याहू इजराइल के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन पर पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है। उन पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वतखोरी के आरोप हैं। नेतन्याहू इन आरोपों को सिरे से खारिज करते आए हैं और इसे मीडिया, पुलिस व न्यायपालिका द्वारा रची गई ‘विच हंट’ करार देते हैं। गुरुवार को नेतन्याहू ने ट्रम्प के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सुरक्षा बढ़ाने और शांति का विस्तार करने के लिए उनकी साझेदारी जारी रखने की उम्मीद करते हैं।
इजराइल के राष्ट्रपति, जिनका पद काफी हद तक औपचारिक होता है, के पास माफी देने का अधिकार है। राष्ट्रपति इसहाक हरज़ोग ने पत्र मिलने की पुष्टि की है, लेकिन कहा है कि माफी मांगने वाले को औपचारिक आवेदन जमा करना होगा। हरज़ोग ने यह नहीं बताया कि वह नेतन्याहू के आवेदन पर क्या प्रतिक्रिया देंगे, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वे मानते हैं कि यह मुकदमा देश के लिए एक बड़ी रुकावट और विभाजन का स्रोत रहा है, और वे नेतन्याहू और अभियोजन पक्ष के बीच एक समझौते को प्राथमिकता देंगे।
ट्रम्प के हस्तक्षेप को लेकर अमेरिकी प्रभाव पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर गाजा पट्टी में सुरक्षा को लेकर। वरिष्ठ अमेरिकी नेताओं के इजराइल दौरे को इजरायली मीडिया ने ‘बीबी-सिटिंग’ कहा था, जिसका अर्थ था कि ये नेता यह सुनिश्चित करने आए थे कि इजरायल संघर्ष विराम की नाजुक स्थिति बनाए रखे। हालांकि, नेतन्याहू और अमेरिकी अधिकारियों ने इन सुझावों को खारिज किया है और दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया है।



