अलास्का का एंकोरेज शहर जल्द ही एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने वाला है। यहां दुनिया के दो शक्तिशाली नेता, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन, आमने-सामने होंगे। यह मुलाकात तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का प्रयास हो सकती है।
लेकिन क्या यह इतना आसान होगा? सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों नेता अपनी शर्तों पर सहमत होते हैं या नहीं। ट्रंप एक कुशल सौदागर के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन पुतिन का अनुभव, राजनीतिक समझ और कूटनीतिक चालें उन्हें एक अनुभवी खिलाड़ी बनाती हैं।
ट्रंप का ट्रैक रिकॉर्ड विवादों से भरा रहा है। उत्तर कोरिया के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत विफल रही, और ईरान के साथ परमाणु समझौते को तोड़ने के बाद वह नया समझौता करने में असफल रहे। ब्राजील के साथ व्यापारिक समझौते में भी उन्हें सफलता नहीं मिली।
दूसरी ओर, पुतिन का तरीका अलग है। वह काम करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने उत्तर कोरिया के किम जोंग उन के साथ गहरे संबंध बनाए हैं और यूक्रेन में युद्ध में उत्तर कोरिया से समर्थन हासिल किया है। ट्रंप की डील अक्सर शुरुआती सुर्ख़ियों तक सीमित रहती है, जबकि पुतिन की डील लंबे समय तक असर डालती है।