अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और व्हाइट हाउस राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक सर्जियो गोर का नाम अब भारत से जुड़ने जा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोर को भारत का नया अमेरिकी राजदूत नियुक्त किया है और साथ ही उन्हें दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. गोर उस समय सुर्खियों में आए जब ट्रंप और एलन मस्क के बीच टकराव की स्थिति पैदा हुई थी और उनकी रूस की यात्रा भी चर्चा का विषय बनी थी.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें सर्जियो गोर को भारत का अगला अमेरिकी राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है. गोर ने ट्रंप के इस विश्वास के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि किसी देश में अमेरिका का नेतृत्व करना उनके लिए बहुत सम्मान की बात है.
गोर का जन्म 1986 में उज्बेकिस्तान (तत्कालीन सोवियत संघ) में हुआ था. उन्होंने लॉस एंजिल्स में स्कूल की पढ़ाई की और बाद में जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. गोर अमेरिकी सीनेटर जॉन मैककेन और रैंड पॉल के साथ भी जुड़े रहे. जून 2020 में, उन्होंने सीनेटर पॉल का पद छोड़ा और ट्रंप विक्ट्री फाइनेंस कमेटी के चीफ स्टाफ बने. बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के सलाहकार और पुस्तक प्रकाशन प्रबंधक के रूप में भी काम किया. नवंबर 2024 में, ट्रंप ने गोर को व्हाइट हाउस राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय का निदेशक नियुक्त किया.
एलन मस्क और गोर के बीच विवाद के कारण मस्क ने गोर को ‘सांप’ कहा था. यह विवाद तब हुआ जब मस्क ने गोर की सिक्योरिटी क्लीयरेंस पर सवाल उठाए. हालांकि, व्हाइट हाउस ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि गोर ने सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कर लिए हैं.
गोर के जन्मस्थान को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं, और उन्होंने इस बारे में कभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया है कि उनका जन्म कजाकिस्तान में हुआ था या वह माल्टा से आए थे. गोर का रूस से भी संबंध रहा है, और 2018 में उन्होंने सीनेटर पॉल के साथ मास्को की यात्रा की थी. 2017 में उनकी मास्को यात्रा का कारण अभी भी रहस्यमय बना हुआ है.
ट्रंप ने कहा कि गोर उनके अच्छे दोस्त हैं और कई सालों से उनके साथ हैं, जिन्होंने उनके चुनावी अभियानों और पुस्तकों में भी काम किया है. गोर ने ट्रंप को धन्यवाद दिया और कहा कि अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सम्मान की बात है. इससे पहले, एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिकी राजदूत थे.