अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए दावा किया कि लंदन शरिया कानून लागू करने की ओर बढ़ रहा है। शरिया कानून इस्लामी धार्मिक कानून है, जो कुरान और हदीस पर आधारित है। ट्रम्प ने लंदन के मेयर सादिक खान पर निशाना साधते हुए कहा कि शहर पूरी तरह से बदल गया है और अब वे शरीयत कानून लाना चाहते हैं।
2021 के आंकड़ों के अनुसार, लंदन में 13 लाख मुसलमान रहते हैं, जो शहर की आबादी का 15% हैं। पूरे यूरोप में, हर 16वां या 17वां व्यक्ति मुस्लिम है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में यूरोप की आबादी लगभग 75.3 करोड़ थी, जिसमें ईसाईयों की संख्या लगभग दो-तिहाई है, और लगभग एक चौथाई लोग किसी धर्म से जुड़े नहीं हैं। लगभग 6% लोग यानी 4.6 करोड़ लोग मुसलमान हैं।
यूरोप में कई वर्षों से, ईसाईयों की संख्या कम हो रही है जबकि धर्म से दूर रहने वालों की संख्या बढ़ रही है। 2010 से 2020 के बीच फ्रांस और इंग्लैंड में ईसाईयों की संख्या में गिरावट आई है, और नीदरलैंड्स में अधिकांश लोग अब किसी धर्म से नहीं जुड़े हैं। इसी अवधि में मुसलमानों की आबादी में 15% की वृद्धि हुई है।
2010 से 2020 के बीच, ईसाइयों की संख्या में 9% की कमी आई, जबकि यहूदियों की संख्या में 8% की गिरावट आई। इस दौरान, धर्म से दूर रहने वाले लोगों की संख्या में 37% की वृद्धि हुई, जबकि मुसलमानों की संख्या में 16% और हिंदुओं की संख्या में 30% की वृद्धि हुई।
2010 से 2020 के बीच, मुस्लिम देशों से लोग यूरोप आए, जिनमें अधिकांश सीरियाई शरणार्थी थे। इस वजह से यूरोप में कुल मुस्लिमों का हिस्सा बढ़कर 6% हो गया। स्वीडन में मुस्लिम आबादी का हिस्सा बढ़कर 8% हो गया, जबकि जर्मनी में यह 7% तक पहुंच गया।