अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए 20-सूत्रीय योजना बनाई है। इजराइल इस योजना पर सहमत है, लेकिन अब सब कुछ हमास के फैसले पर निर्भर है। ट्रंप ने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक का समय दिया है। अगर हमास इस डील को स्वीकार नहीं करता है, तो ट्रंप हमास के खिलाफ सख्त कदम उठा सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप लगातार हमास को इस डील पर राजी करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर हमास नहीं मानता है, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जिसका मतलब है हमला।
ट्रंप ने हमास को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमास डील को नहीं मानता है, तो ऐसा नरक टूटेगा जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि वे मध्य पूर्व में शांति स्थापित करना चाहते हैं और हिंसा को रोकना चाहते हैं।
ट्रंप ने हमास को अल्टीमेटम खत्म होने से पहले एक आखिरी चेतावनी दी, जिसमें कहा गया कि शांति समझौते पर तुरंत कदम उठाएं, वरना गाजा में और तबाही होगी।
अगर हमास डील पर सहमत नहीं होता है, तो ट्रंप हमास पर हमला कर सकते हैं। इजराइल ने भी कहा है कि अगर हमास डील को स्वीकार नहीं करता है, तो वे अमेरिका के साथ मिलकर हमला करेंगे।
ट्रंप ने कहा कि हमास को तुरंत डील माननी होगी, वरना सभी समझौते रद्द हो जाएंगे। उन्होंने इजराइल की ओर से बंधकों की रिहाई और शांति समझौते को पूरा करने के लिए अस्थायी रूप से बमबारी रोकने का स्वागत किया।
इस डील के तैयार होने के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने तुरंत सहमति जताई, जबकि हमास के फैसले का इंतजार है। डील में कई शर्तें हैं, जैसे कि हमास को हथियार छोड़ने होंगे और गाजा में भविष्य में उसकी कोई भूमिका नहीं होगी। हमास ने अभी तक इन शर्तों को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई है।
हमास ने दो साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने और सभी बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई थी, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी असहमति है।
हमास का सबसे बड़ा विरोध गाजा के भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था को लेकर है। हमास चाहता है कि गाजा की सत्ता एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी तकनीकी सरकार को सौंपी जाए, जबकि ट्रंप के प्रस्ताव में एक अंतर्राष्ट्रीय ट्रांजिशन बॉडी बनाने की बात कही गई है।
अमेरिकी प्रस्ताव में हमास को हथियार छोड़ने की बात भी शामिल है, जबकि हमास इजरायली सेना की पूर्ण वापसी की मांग करता है। ट्रंप के शांति प्रस्ताव में कहा गया है कि भविष्य की गाजा सरकार में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी।
नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में बंधकों की रिहाई की घोषणा हो जाएगी और उन्होंने हमास को निरस्त्र करने की शपथ ली। मिस्र में सोमवार को हमास और इजराइली प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत होगी। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन वार्ताओं में गाजा युद्ध के अंत और फिलिस्तीनी जनता की पीड़ा कम करने की दिशा में ठोस प्रगति होने की उम्मीद है।