डोनाल्ड ट्रंप, जो डेड इकोनॉमी की बातें करते रहे हैं, अपनी ही डेडलाइन पूरी करने में असफल रहे हैं। व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से ही उन्होंने अपने आदेशों का डंडा चला रखा है, जिससे कई देश परेशान हैं, और अमेरिका में भी विरोध हो रहा है। ट्रंप हर किसी को अपने आगे झुकाना चाहते हैं, जिसके लिए वे धमकियों, टैरिफ और यहां तक कि सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाते। लेकिन भारत और रूस ने अमेरिका के आगे झुकने से इनकार कर दिया है और ट्रंप की हर धमकी को नजरअंदाज किया है।
ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, लेकिन भारत झुका नहीं। चीन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग के साथ नजर आए। इसी तरह, ट्रंप यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए रूस को चेतावनी देने में भी विफल रहे हैं।
रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के साथ बैठकों के बाद, ट्रंप ने कहा कि वे दो हफ्ते इंतजार करेंगे और देखेंगे कि यूक्रेन में शांति की दिशा में कोई प्रगति होती है या नहीं। हालांकि, उन्होंने अभी तक रूस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। 21 अगस्त को ट्रंप ने कहा था, ‘हमें दो हफ्तों के भीतर पता चल जाएगा कि यूक्रेन में शांति होगी या नहीं, जिसके बाद हमें शायद कोई अलग रास्ता अपनाना होगा।’ लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले जारी रहे और ट्रंप दो हफ्ते बाद भी रूस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाए।