दुनिया में जारी संघर्षों के बीच, विशेषकर यूक्रेन–रूस युद्ध और ईरान–इजराइल टकराव के कारण तीसरे विश्व युद्ध की संभावना बढ़ रही है। इस पृष्ठभूमि में कई राष्ट्र बंकरों और बम शेल्टरों के निर्माण को ज़रूरी मान रहे हैं। तुर्की की NTV चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की सरकार 81 प्रांतों में शेल्टर बनाने की योजना बना रही है।
तुर्की अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के प्रयासों के बीच शेल्टर प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ा रहा है। वर्तमान में सीरिया से लेकर पाकिस्तान तक विवादों में तुर्की ने बार-बार सहभागिता दिखाई है। शेल्टर निर्माण योजना से यह संकेत मिलता है कि तुर्की किसी बड़े संघर्ष की तैयारी कर रहा है।
चैनल ने बताया कि पर्यावरण, शहरी नियोजन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एक शोध किया गया जिसमें पाया गया कि तुर्की में आश्रयों की मौजूदा बुनियादी संरचना अपर्याप्त है और आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती।
अध्ययन के अनुसार, शेल्टर निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभवों, जैसे कि इज़राइल, जापान और स्विट्ज़रलैंड के उदाहरण, पर आधारित एक विशेष तुर्की मॉडल को लागू करने पर बल दिया गया, जिसे शहरी और आवासीय समुदायों की विशेषताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
रेसेप तइप एर्दोआन के नेतृत्व में एक कैबिनेट बैठक के दौरान, योजना को लागू करने के लिए राज्य-स्वामित्व वाली आवास एवं शहरी विकास कंपनी TOKI को नियुक्त किया गया। NTV ने खुलासा किया कि निर्माण कार्य प्राथमिकता वाले प्रांतों में सबसे पहले शुरू होगा, जिनमें अंकारा प्रमुख है।
इस कदम से तुर्की सरकार की शेल्टर संरचनाओं में मौजूद कमी उजागर हुई है। संभावित खतरों—चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा हो या अन्य—की स्थिति में प्रभावी सुरक्षा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।