गुरुवार को ब्रिटेन के मैनचेस्टर में एक यहूदी प्रार्थना स्थल के बाहर हुए आतंकी हमले के बाद ब्रिटिश यहूदी समुदाय में डर की भावना बढ़ गई है। हमले के समय कई यहूदी योम किप्पुर त्योहार के अवसर पर प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए थे, तभी हमलावर ने पहले अपनी कार भीड़ पर चढ़ा दी और फिर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
इस घटना ने ब्रिटेन में यहूदी समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालिया सर्वेक्षणों से पता चला है कि बड़ी संख्या में यहूदी अब खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इंस्टिट्यूट फॉर ज्यूइश पॉलिसी रिसर्च (JPR) द्वारा जून-जुलाई 2025 में किए गए एक सर्वे के अनुसार, 35% यहूदियों ने कहा कि वे ब्रिटेन में असुरक्षित महसूस करते हैं, जबकि 2023 में, हमास के हमलों से पहले, सिर्फ 9% लोगों ने ऐसा कहा था।
यहूदी-विरोधी भावनाओं यानी एंटीसैमिटिज्म के बारे में भी चिंता बढ़ी है। सीएसटी के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच यूके में 1,521 एंटीसैमिटिक घटनाएँ दर्ज की गईं, जो किसी भी साल की पहली छमाही का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इन घटनाओं में ज्यादातर लंदन और मैनचेस्टर में हुईं, जहाँ यहूदी आबादी सबसे बड़ी है।
सर्वे से यह भी पता चला है कि इस मुश्किल समय में भी ब्रिटिश यहूदियों का जुड़ाव अपने धर्म और संस्कृति से मज़बूत बना हुआ है। इजराइल के साथ भावनात्मक रिश्ता भी गहरा हुआ है, हालाँकि इजराइल की नीतियों और युद्ध को लेकर आलोचना भी बढ़ी है।