
निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है, जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। यह कानूनी कार्रवाई भारत सरकार से राजनयिक माध्यमों से हस्तक्षेप करने का आह्वान करती है। प्रमुख रणनीतियों में राजनयिक चैनलों के माध्यम से सरकार का हस्तक्षेप और शरिया कानून के भीतर ‘दियत’ विकल्प शामिल हैं। ‘दियत’ में पीड़ित के परिवार को वित्तीय मुआवजा शामिल है, जिससे संभावित रूप से माफी मिल सकती है। यमन की निमिषा प्रिया की यात्रा और अपराध से जुड़ी परिस्थितियां, उसकी जान बचाने के चल रहे प्रयासों में महत्वपूर्ण विवरण हैं।






