अमेरिकी नौसेना ने कैरिबियन सागर में एक संदिग्ध नशीले पदार्थों से भरी पनडुब्बी को नष्ट कर दिया है। व्हाइट हाउस ने रविवार को इस बात की पुष्टि की। यह पनडुब्बी अमेरिका की ओर बढ़ रही थी और नशीले पदार्थों की तस्करी के एक ज्ञात मार्ग का उपयोग कर रही थी। गुरुवार को हुई इस कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई। यह पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका द्वारा कैरिबियन सागर में की गई छठी बड़ी कार्रवाई है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, पिछली पांच कार्रवाइयों में 27 लोगों को पकड़ा गया था।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यदि यह पनडुब्बी अमेरिकी तटों तक पहुँच जाती तो 25,000 अमेरिकी नागरिकों की जान जा सकती थी। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए ‘बहुत बड़ा सम्मान’ था कि उन्होंने एक ‘बहुत बड़ी’ नशीले पदार्थों वाली पनडुब्बी को नष्ट किया। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका ‘नार्को-आतंकवादियों’ को किसी भी तरह से अवैध ड्रग्स की तस्करी करने की इजाजत नहीं देगा। अच्छी बात यह है कि इस कार्रवाई में अमेरिका के किसी भी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
हमले में जीवित बचे दो लोगों को उनके मूल देशों, इक्वाडोर और कोलंबिया, प्रत्यर्पित किया जाएगा ताकि वहां उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पुष्टि की है कि एक कोलंबियाई नागरिक को अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ा है और उसे देश वापस लाया जाएगा। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “हमें नशीले पदार्थों वाली पनडुब्बी में पकड़ा गया कोलंबियाई मिल गया है; हम खुश हैं कि वह जीवित है और कानूनों के अनुसार उस पर मुकदमा चलाया जाएगा।”
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में नशीले पदार्थों के प्रवाह को रोकने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ट्रंप की इन कार्रवाइयों की आलोचना की है और उन्हें ‘न्यायेतर हत्याएं’ करार दिया है।