संयुक्त राज्य अमेरिका में दिवाली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारी रात में सार्वजनिक सड़क पर पटाखे फोड़ने वाले लोगों को रोकने के लिए पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस घटना ने ऑनलाइन यूजर्स के बीच एक गरमागरम बहस छेड़ दी है, जहाँ कई लोग इस स्थिति की तुलना भारत में होने वाले दिवाली उत्सवों से कर रहे हैं।
वायरल क्लिप में, लोगों की एक बड़ी भीड़ सड़क पर तेज पटाखों के साथ दिवाली मनाती हुई दिखाई दे रही है। वहीं, पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी उन पर पानी छिड़क कर पटाखे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो पोस्ट करने वाले व्यक्ति के अनुसार, अधिकारियों ने रात 10 बजे के बाद पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन था। मौके पर मौजूद लोग अधिकारियों द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयासों पर तालियाँ बजाते और शोर मचाते सुने जा सकते हैं।
एक भारतीय व्यक्ति द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा था, “यह यूएस दिवाली वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल है। यूएस पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को हस्तक्षेप करके पटाखे रोकने पड़े – सड़क पर गंदगी देखें। और फिर रोते हैं जब आपको निर्वासित किया जाता है। क्या यह भारत और हिंदुओं की छवि है जो आप विदेशी भूमि में बना रहे हैं?”
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहाँ कुछ उपयोगकर्ताओं ने वीडियो में मौजूद लोगों को गैर-जिम्मेदार होने के लिए आलोचना की, वहीं अन्य ने उनका बचाव करते हुए कहा कि जब तक सुरक्षित रूप से मनाया जाए, तब तक उत्सवों की अनुमति दी जानी चाहिए। एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “यह दिवाली से ज्यादा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण जैसा लग रहा था।” दूसरे ने लिखा, “भारतीय विदेश जाना पसंद करते हैं लेकिन स्थानीय संस्कृति को अपनाने से इनकार करते हैं। ठीक है। लेकिन अगर आपको अपनी संस्कृति इतनी पसंद है, तो घर पर रहें… कूड़ा न फैलाएं, चिल्लाएं और सार्वजनिक स्थानों को बर्बाद न करें।” एक तीसरे कमेंट में कहा गया, “वे एक खुली जगह बुक कर सकते थे, अधिकारियों से अनुमति ले सकते थे और जश्न मना सकते थे।”
कई उपयोगकर्ताओं ने इस दृश्य की तुलना दिल्ली में दिवाली से की, जहाँ प्रतिबंधों और प्रदूषण की चेतावनी के बावजूद लोग देर रात तक पटाखे फोड़ते रहते हैं। यह बहस भारत और विदेश दोनों जगह, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और नागरिक जिम्मेदारी के बीच टकराव को उजागर करती है। यह वायरल वीडियो ऑनलाइन फैलना जारी है, जिसने हजारों बार देखे जाने और टिप्पणियां प्राप्त की हैं।