इन दिनों भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार भारत और पीएम मोदी को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है और यह 27 अगस्त से लागू है। व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने अमेरिकी टैरिफ पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बताया है कि भारत इस टैरिफ को कैसे कम कर सकता है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी युद्ध’ भी बताया है।
व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को प्रधानमंत्री मोदी का युद्ध बताते हुए कहा कि भारत द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद मास्को के आक्रामक रवैये को बढ़ावा दे रही है और अमेरिकी करदाताओं पर बोझ डाल रही है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे, तो उसे अमेरिकी टैरिफ में 25% की कमी मिल सकती है। हालांकि, इसके लिए भारत को पहले ‘युद्ध की मशीनें’ बंद करनी होंगी।
ब्लूमबर्ग टेलीविजन के ‘बैलेंस ऑफ पावर’ में, व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के संघर्ष के प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति का मार्ग ‘कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर गुजरता है।’ नवारो की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर लगाया गया 50% टैरिफ बुधवार से लागू हो गया है। ट्रंप ने यह कदम रूस से तेल खरीदने को लेकर उठाया है।
भारत पर जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, उस समय उन्होंने 80 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाया था। बाद में उन्होंने इसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 27 अगस्त से लागू हुआ। व्हाइट हाउस सलाहकार से भारत पर लगे टैरिफ को कम करने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि इसे कम करना बेहद आसान है। यदि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे तुरंत 25 प्रतिशत की छूट मिल सकती है।
उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हूं। क्योंकि मोदी एक महान नेता हैं। यह एक परिपक्व लोकतंत्र है और इसे परिपक्व लोग चला रहे हैं।’ नवारो ने टैरिफ पर भारत के रुख पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘मुझे जो बात परेशान करती है, वह यह है कि भारतीय इस बारे में बहुत अहंकारी हैं। वे कहते हैं, ‘अरे, हमारे पास ज़्यादा टैरिफ नहीं हैं। अरे, यह हमारी संप्रभुता है। हम जिसे चाहें तेल खरीद सकते हैं।’
नवारो ने भारत पर मास्को के युद्ध प्रयासों को बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘रूसी तेल को छूट पर खरीदकर, रूस उससे मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल अपनी युद्ध मशीनों को चलाने और और अधिक यूक्रेनियों को मारने में करता है। भारत जो कर रहा है, उससे अमेरिका में हर कोई नुकसान उठा रहा है।’ उन्होंने तर्क दिया कि इसका असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। हर सेक्टर प्रभावित हो रहा है, क्योंकि भारत के हाई टैरिफ के कारण नौकरियां, कारखाने, आय और उच्च वेतन खत्म हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत हमें सामान बेचकर जो पैसा कमाता है, उससे वह रूसी तेल खरीदता है, जिसे फिर रिफाइनरी प्रोसेस करते हैं और वहां खूब पैसा कमाते हैं, लेकिन फिर रूसी इस पैसे का इस्तेमाल और हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं, इसलिए अमेरिकी करदाताओं को यूक्रेनियों को सैन्य तरीके से और ज़्यादा मदद देनी पड़ती है। यह पागलपन है।’