न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को खुलासा किया कि अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो ने 2019 में उत्तर कोरिया में एक गुप्त सैन्य अभियान चलाया था। लेकिन कमांडो की गलती के कारण 3 उत्तर कोरियाई नागरिकों की मौत हो गई और मिशन असफल हो गया। NYT के अनुसार, मिशन का लक्ष्य उत्तर कोरिया में एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस स्थापित करना था। जिससे अमेरिकी खुफिया एजेंसी किम के संचार को ट्रैक कर सके और उनकी बातें सुन सके।
NYT के मुताबिक, यह मिशन इतना जोखिम भरा था कि इसके लिए सीधे राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता थी। हालांकि, पत्रकारों ने शुक्रवार को ट्रंप से इस रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे। इस पर ट्रंप ने कहा, ‘मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं यह बात पहली बार सुन रहा हूं।’रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन के लिए नेवी सील कमांडो ने महीनों तैयारी की थी। ये कमांडो उसी यूनिट से थे, जिसने 2011 में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। नेवी सील कमांडो एक परमाणु पनडुब्बी के जरिए उत्तर कोरिया के जलक्षेत्र में दाखिल हुए। यहां से दो मिनी-पनडुब्बियों में बैठकर तट के करीब पहुंचे और फिर तैरकर किनारे पर पहुंचे। इन 8 सील कमांडो को उत्तर कोरिया के बॉर्डर फोर्स को चकमा देना था और कम्युनिकेशन डिवाइस इंस्टॉल करना था।
अमेरिकी कमांडो को लगा कि वे अकेले हैं, लेकिन तट के पास ही उन्हें एक छोटी नाव दिखी। नाव मिनी-पनडुब्बियों के पास पहुंची। नाव में सवार क्रू मेंबर टॉर्च लिए हुए थे। उनमें से एक शख्स पानी में कूद गया। नेवी कमांडो को लगा कि मिशन खतरे में पड़ गया है। इसके बाद तट पर मौजूद सीनियर कमांडो ने नाव पर गोलीबारी शुरू कर दी। उसके साथ मौजूद बाकी कमांडो ने भी ऐसा ही किया।
जब कमांडो नाव पर पहुंचे तो उन्हें 3 शव मिले। इसमें सवार लोगों के पास कोई बंदूक या वर्दी नहीं थी। नाव सवार सी-फूड और शेलफिश के लिए गोता लगा रहे थे। अमेररिकी कमांडो ने मृत शवों को फेफड़ों में चाकू से छेद कर दिया, ताकि शव डूब जाएं। मिशन रोक दिया गया और नेवी सील कमांडो अपनी पनडुब्बी में लौट गए।
यह ऑपरेशन 2019 में ट्रंप और किम की परमाणु वार्ता के दौरान हुआ। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में किम से 3 बार मुलाकात की थी। दूसरे कार्यकाल में दोनों नेताओं ने एक बार भी मुलाकात नहीं की है। किम नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रमों को बंद करने से इनकार करते रहे हैं। ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि वह इस साल किम जोंग उन से मिल सकते हैं।
उत्तर कोरिया ने कभी भी इस घटना को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया। हालांकि उस इलाके में सैन्य गतिविधियां बढ़ गईं। व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ना ही पेंटागन ने इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है। NYT का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने मिशन से पहले या बाद में कांग्रेस के अहम मेंबर्स को इसकी जानकारी नहीं दी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संघीय कानून का उल्लंघन हो सकता है।