अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के साथ अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने साफ किया है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है, लेकिन यह भारत के हितों की कीमत पर नहीं होगा। रुबियो ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और पाकिस्तान पहले से ही साथ काम कर रहे हैं, और इस सहयोग से नई दिल्ली के साथ भारत के मजबूत संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने अमेरिका-पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकी पर चिंता जताई है, तो उन्होंने भारतीय कूटनीति की प्रशंसा की। रुबियो के अनुसार, नई दिल्ली के अधिकारी समझते हैं कि कई देशों के साथ संबंध बनाए रखना किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर देश के अपने रणनीतिक साझेदार होते हैं, और यह सोच-समझकर की गई विदेश नीति का संकेत है।
पाकिस्तान के साथ दोस्ती को फिर से मजबूत करने की चर्चाओं पर रुबियो ने स्पष्ट किया कि ये बातचीत लंबे समय से चल रही थी। अमेरिका का लक्ष्य पाकिस्तान के साथ रणनीतिक सहयोग का पुनर्निर्माण करना है, और दोनों देश अब कई साझा प्राथमिकताओं पर मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को जानते हैं, लेकिन हमारा काम यथासंभव अधिक से अधिक देशों के साथ दोस्ती के रास्ते खोजना है। हमने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के साथ काम किया है, और अब हम उस सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं। यह भारत या किसी अन्य राष्ट्र के साथ हमारे मजबूत संबंधों की कीमत पर नहीं आएगा।”
उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका के प्रयास भारत के साथ दोस्ती को कमजोर नहीं करेंगे। इस साल मई में, भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए थे। उस समय, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि उनके मध्यस्थता प्रयासों से भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम हुआ है, हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया था, लेकिन पाकिस्तान ने इसका समर्थन किया था।
हाल ही में, पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में पास्नी के पास एक नए बंदरगाह के विकास का प्रस्ताव अमेरिका के सामने रखा है। यह बंदरगाह चीन के ग्वादर बंदरगाह से सिर्फ 112 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिकी निवेशक इस बंदरगाह का निर्माण और संचालन करें, जो वाणिज्यिक और खनिज उद्देश्यों के लिए होगा, न कि किसी अमेरिकी सैन्य अड्डे के लिए। इससे अमेरिका को पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिजों तक आसान पहुंच मिलेगी।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच व्यापार भी बढ़ रहा है। 2024 में, दोनों देशों के बीच व्यापार 10.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 6.3% अधिक है। यह दिखाता है कि दोनों देश आर्थिक मोर्चे पर भी अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।







